scriptकांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग से बढ़ रही सत्ता के साथ विपक्ष की टेंशन… जाने खास वजह | Congress Social engineering increased BJP in Tension | Patrika News

कांग्रेस की सोशल इंजीनियरिंग से बढ़ रही सत्ता के साथ विपक्ष की टेंशन… जाने खास वजह

locationआजमगढ़Published: Nov 20, 2020 07:40:31 pm

ब्लाक इकाई के गठन में पार्टी ने सभी तबकों का रखा ध्यान, मुस्लिम को खास तरजीह
विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जुटी पार्टी फूंक फूंककर रख रही कदम

azamgarh news

प्रतीकात्मक फोटो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग के जरिए यूपी में पूर्ण बहुमत हासिल किया था अब कांग्रेस का फोकश इस फार्मूले पर है। यूपी में हाशिए पर पहुंच चुकी पार्टी की नजर सबसे अधिक मुस्लिम वोटरों पर है लेकिन वह अन्य समाज के लोगों को भी नजरअंदाज नहीं कर रही। बल्कि सभी को संगठन में जगह देकर 2022 के चुनाव में सत्ता और विपक्ष दोनों को कड़ी चुनौती देने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस का यह दाव कितना सफल होगा यह तो समय बतायेगा लेकिन विरोधी दलों में बेचैनी साफ दिख रही है।

बता दें कि अभी दो दिन पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू द्वारा आजमगढ़ शहर इकाई की सूची जारी की गयी थी जिसमें अध्यक्ष सहित तीन पर मुस्लिम नेताओं को दिया गया था। अब कांग्रेस ने ब्लाक अध्यक्षों को सूची जारी की है। इसमें भी मुस्लिम नेताओं को प्राथमिकता दी गयी है लेकिन पाटी ने 22 ब्लाकों में से आठ ब्लाक की बागडोर पिछड़ी जाति के नेताओं को सौंप दिया हैं।

बता दें कि आजमगढ़ जिला सपा बसपा का गढ़ माना जाता है। पिछले तीन दशक में सिर्फ एक बार पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव यहां विधानसभा चुनाव जीतने में सफल रहे नहीं तो कांग्रेस प्रत्याशी जमानत बचाने के लिए तरसते रहे हैं। यूपी की कमान प्रियंका वाड्रा व अजय कुमार लल्लू के संभालने के बाद यहां के कांग्रेसियों का उत्साह बढ़ा है। खासतौर पर बिलरियागंज में सीएए व एनआरसी को लेकर हुए बवाल के बाद प्रियंका का आजमगढ़ आना कांग्रेस के लिए मुफीद साबित हुआ है। कांग्रेसियों में लंबे समय बाद यह भरोसा जगा है कि वे भी कुछ कर सकते हैं। यहीं वजह है कि छोटे मोटे मामलों को लेकर भी कांग्रेस अब सड़क पर दिखने लगी है और आम आदमी में भी उसकी चर्चा है।

वहीं दूसरी तरफ प्रदेश नेतृत्व भी अब सर्व समाज को साधने में जुट गया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू द्वारा जारी ब्लाक अध्यक्ष की सूची पर गौर करें तो मेंहनगर में रमेश राजभर, ठेकमा में रिकू चैहान, बिलरियागंज मनोज मौर्या, जहानागंज में राजदेव कन्नौजिया, पल्हनी में प्रमोद यादव, रानी की सराय में धर्मराज चैहान, सठियांव में अवधेश चैहान, मार्टीनगंज में डा. रामकिशुन राजभर को कमान सौंपी है। यह सभी पछड़ी जाति जाति से आते हैं।

इसके अलावा लालगंज ब्लाक में वकार अहमद, पल्हना में दीनदयाल मिश्रा, तरवां में अनुराग तिवारी, पवई में योगेंद्र सिंह, फूलपुर में अनिल सिंह, अहरौला में सत्येंद्र उपाध्याय, अतरौलिया में यदुनाथ सिंह, कोयलसा में सत्येंद्र सिंह, तहबरपुर में अंशुमाली राय, अजमतगढ़ में मो. तस्लीम, हरैया में अरविद जायसवार, महराजगंज में मुलायम निषाद को अध्यक्ष बनाकर सोलश इंजीनियरिग का पूरा प्रयास किया है।

इस मामले में जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी समर्पित कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी है। चूंकि एक-एक अध्यक्ष पद के लिए कई-कई नाम सामने होने से मंथन के बाद यह निर्णय लिया गया है। कांग्रेस हमेशा से सभी को साथ लेकर चलती रही है और आगे भी चलती रहेगी। हमारे कार्यकर्ता उत्साहित हैं, वर्ष 2022 हमारा होगा।

BY Ran vijay singh

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो