बतादें कि कांग्रेस करीब 30 सालों से यूपी की सत्ता से बाहर है। पिछले कुछ समय से यहां पार्टी का संगठन भी निष्कृय हो गया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बाद पार्टी ने आजमगढ़ में एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ा। वरिष्ठ नेताओं ने इसका विरोध भी किया। यहीं नहीं पिछले दो दशक में पार्टी के प्रत्याशी यहां अपनी जमानत बचाने के लिए तरसते रहे है लेकिन सीएए को लेकर बिलरियागंज में हुए बवाल और फिर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के 12 फरवरी को जनपद आगमन पर मिले जनसमर्थन ने कांग्रेसियों को जोश से भर दिया है।
दो दशक में पहला मौका है जब कांग्रेस ने सीधे तौर पर बीजेपी के बजाय सपा को टार्गेट किया। पहले पार्टी ने सपा सांसद अखिलेश यादव के गुमशूदगी का पोस्टर लगाया और अब किसान जागरण यात्रा के जरिये विपक्ष के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। पार्टी गांव गांव जाकर किसानों से उनकी समस्याओं से संबंधित फार्म भरवा रही है। इस कार्यक्रम के तीसरे चरण में दो दिन पूर्व पार्टी ने जिले के सभी दस विधायकों को ज्ञापन सौंप किसान समस्याओं को सदन में उठाने की मांग की थी। अब पार्टी इस आंदोलन के चैथे चरण में शुक्रवार को पार्टी कार्यालय से जुलूस निकालकर समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंची और सांसद अखिलेश यादव और उनके प्रतिनिधि हवलदार यादव की गैरमौजूदगी में डा. हरिराम सिंह यादव को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस नेताओं ने उक्त पत्रक सांसद तक पहुंचाने तथा किसान समस्याओं को संसद में उठाने की मांग की।
जिलाध्यक्ष प्रवीण कुमार सिंह ने कहा कि आवारा गोवंश कृषि लागत में बेतहाशा वृद्धि व डीजल की महंगाई के कारण किसान त्रस्त हैं। प्रदेश की सरकार ने किसानों से किये किसी वादों को पूरा नहीं किया। वहीं केंद्र सरकार भी किसानों की अनदेखी कर रही है। इसलिए कांग्रेस ने किसान समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सांसद को सौंपा है।