बता दें कि पांच राज्यों के चुनाव को लोकसभा चुनाव 2019 के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा था। इस चुनाव को कांग्रेस और भाजपा की जहां प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा था वहीं सपा और बसपा भी इस चुनाव में पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी थी। चुनाव भले ही दूसरे राज्यों में था लेकिन निगाह पूरे देश की इसपर थी। खास तौर पर यूपी की। कारण कि यहां के दो बड़े दल पूरी ताकत से मैदान में उतरे थे। इन चुनावों में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है तो बसपा का प्रदर्शन भी पिछले चुनाव से बेहतर रहा है।
इसी के साथ कांग्रेस ने 2014 से चले आ रहे हार के सिलसिले को तोड़ दिया है। कांग्रेस की इस जीत का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है कि आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में ऊर्जा का संचार होगा। साथ ही विपक्षी दल जो अभी तक कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर असमन्जस में थे उन्हें भी फैसला लेने में आसानी होगी। कांग्रेसियों को भी इस बात का भरोसा हो गया है कि वे महागठबंधन बनाने में सफल रहे तो बीजेपी को आसानी से हरा सकते है।
यहीं वजह है कि चुनाव का पूरा परिणाम आने से पहले ही कांग्रेसी खुशी से झुम उठे। कांग्रेसियों ने नगरपालिका स्थित जिला कार्यालय से जुलूस निकालकर जश्न मनाया। इस दौरान कांग्रेसी ढोल ताशे की धुन पर थिरकते नजर आये। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि यह जीत आम आदमी की जीत है। पूरे चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने आम आदमी किसान, महिला अत्याचार को मुद्दा बनाया जबकि बीजेपी सिर्फ राहुल गांधी को घेरने में जुटी रही। राहुल गांधी जनता को यह विश्वास दिलाने में सफल रहे कि कांग्रेस सत्ता में आने पर उनकी समस्याओं का समाधान कर सकती है। यहीं वजह है कि हमें बड़ी जीत मिली है। यह राहुल गांधी के नेतृत्व की जीत है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हम धर्म और जाति के नाम पर राजनीति करने वालों को उखाड़ फेंकेंगे। यह हार भाजपा के लिए जनता का संदेश है लोगों ने यह बता दिया है कि अब जाति और धर्म की राजनीति नहीं चलने वाली है। आम आदमी को विकास चाहिए, रोजगार चाहिए। भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहिए।