आजमगढ़

कोरोना पर करोड़पति बनने की कोशिश की तो सीधे होगी जेल, कालाबाजारी पर प्रशासन सख्त

– आजमगढ़ में सीएम और डीएम के निर्देश का नहीं दिख रहा कोई असर- सस्ते के लिए मंडी में उमड़ रही भीड़, फुटकर में चार गुना दाम पर बिक रही सब्जी- एक साथ सैकड़ों की भीड़ से बढ़ रहा संक्रमण का खतरा, प्रशासन भी नहीं दे रहा ध्यान

आजमगढ़Mar 24, 2020 / 04:18 pm

Hariom Dwivedi

कोरोना पर करोड़पति बनने की कोशिश की तो सीधे होगी जेल, कालाबाजारी पर प्रशासन सख्त

रणविजय सिंह
आजमगढ़. जिले में लॉकडाउन के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसरा है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कोरोना से करोड़पति बनने का ख्वाब देख रहे हैं। जमाखोरी और आवश्यक वस्तुओं की मनमानी कीमत वसूली जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा जेल भेजने की सख्त चेतावनी के बावजूद प्रशासन का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है। परिणाम है कि मंडी में सैकड़ों की भीड़ जुट रही है जिसके कारण संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है। दुकानदार बाहर से माल न आने का रोना रो रहे हैं जबकि स्थानीय किसानों की सब्जी भी औने पौने दाम पर खरीदकर 10 गुना कीमत पर बेच रहे हैं। सब मिलाकर लॉकडाउन को ये खुद को मालामाल बनाने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए आजमगढ़ में 25 मार्च तक लाक डाउन किया गया है, जबकि आवश्यक वस्तुओं को छोड़ बाकी दुकानों को 31 मार्च तक बंद करा दिया गया है। सब्जी, फल, दूध, मेडिसिन, किराना आदि की दुकानें खुली हुई हैं। लॉकडाउन बढ़े न इसके लिए लोग जरूरी सामानों की अधिक से अधिक खरीदारी कर स्टोर कर रहे हैं। इसका पूरा फायदा कारोबारी उठा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो यहां सब्जी फुटकर रेट में काफी महंगी है। आलू 16 से बढ़कर 25 रुपये प्रति किलों तो टमाटर 40 से बढ़कर 180 रुपये तथा हरी मिर्च 40 से बढ़कर 200 रुपये किलो बिक रही है। बैगन, 90, करेला 160, गोभी 45 रुपये किलों बिक रही है। इसी तरह किराना सामानों में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गयी है। मेवा और फल का हाल अलग नहीं है। सब मिलाकर आवक कम होने के नाम पर खुलेआम लूट मची है।
बढ़ती महंगाई पर किसकी जवाबदेही
मंगलवार को मंडी में टमाटर 40 व हरा मिर्च 38 रुपये किलो बिका है। अन्य सब्जियों का दाम भी स्थिर नजर आया। इसके बाद भी महंगाई क्यों बढ़ रही है पूछने वाला कोई नहीं है। मंडी में सब्जी सस्ती मिलेगी इसके लिए भोर से लोग यहां पहुंच जा रहे हैं। परिणाम है कि सैकड़ों की भीड़ जमा हो जा रही है। न तो किसी के हाथ में ग्लब्स है और न ही चेहरे पर मास्क। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। इतना ही नहीं मंडी में गंदगी का अंबार है और सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था नहीं है।
सब्जी विक्रेता बोले
सब्जी के फुटकर विक्रेता अमरनाथ का कहना है कि उन्हें मंडी में ऊंचे दामों पर सामान दिया जा रहा है। थोक कारोबारी माल न आने का बहाना कर खुद 60 से 100 रूपये किलो हरा मिर्च दे रहे हैं। अन्य सब्जियों को भी ऊंची कीमत पर दिया जा रहा है। सच तो यह है कि खुद मंडी के लोग जमाखोरी करने के चक्कर में ऐसा कर रहे हैं ताकि कर्फ्यू की स्थिति उत्पन्न हो तो वे मनमानी कीमत वसूल सकें। सिधारी निवासी अनुराग यादव का कहना है कि आलू 40 रुपये किलो बिक रहा है तो प्याज 20 से बढ़कर 50 हो गयी है। मटर 130 रुपये, हरा मिर्च 200 रुपये किलो बिक रहा है सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए।
जिलाधिकारी की चेतावनी भी बेअसर
जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह एक दिन पहले ही जमाखोरों और मुनाफाखोरों को कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं। लेकिन यह बेअसर है। कारण कि अब तक मैदान में कोई टीम नहीं उतरी है जो इसपर लगाम कस सके। मंडी में सब्जी खरीदने पहुंची आशा अग्रवाल, कमलेश सिंह, अभिषेक गुप्ता, उमा जायसवाल, संतोष आदि का कहना है कि स्थानीय स्तर पर सब्जी के रेट आसमान छू रहे हैं। मंडी में सब्जी सस्ती मिल रही है इसलिए खुद को खतरे में डालकर यहां तक आना हमारी मजबूरी है।

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