बता दें कि पूर्व सांसद रमाकांत यादव विवादों से गहरा नाता रहा है। देश में कोरोना के प्रसार के बाद जब पीएम ने 22 मार्च को बंदी का अह्वान किया तो रमाकांत यादव ने जमकर हमला बोला था और कोरोना को सरकार की साजिश व अफवाह बताते हुए दावा किया था कि कोई कोरोना पाजटिब लाए वह उसे गले लगाएंगे। इसके बाद जिला प्रशासन ने रमाकांत यादव पर अफवाह फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद रमाकांत यादव अपने बयान से पलट गए थे और कोरोना को देश के लिए बड़ा खतरा करार दिया था।
अब लाक डाउन के बीच मंगलवार को रमाकांत यादव ने अपने आवास पर गरीबों को सहायता देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया लेकिन यहां सोशल डिस्टेंस के लिए न तो गोला बनवाया और ना ही ऐसी व्यवस्था की कि एक साथ भीड़ एकत्र न हो। पूर्व सांसद ने आवास पर सैकड़ों की भीड़ एकत्र कर खाद्यान्न का वितरण किया। इस दौरान आवास पर अफरातफरी दिखी। जब इस संबंध में रमाकांत यादव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन करने का प्रयास किया लेकिन गरीब लोग है ज्यादा संख्या में आ गए। वहीं प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे हुए है। जिलाधिकारी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। बहरहाल जिले में लगातार मिल रहे कोरोना पाजटिव के बीच पूर्व सांसद का यह कार्यक्रम चर्चा का विषय है।
By Ran Vijay Singh