मूल रूप से कानपुर के रहने वाले डा. हर्ष निगम एमबीबीएस एमडी के बाद लंदन से होमियोपैथिक की डिग्री ली है। डा. हर्ष के मुताबिक यह आरएनए वायरस है। इसे 2019 एन. सीओवी के नाम से भी जाना जाता है। इसका एलोपैथ में कोई उपचार नहीं है। यह तेजी से फैलने वाला वायरस है और और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यहीं वजह है कि लोग तेजी से इसकी चपेट में आ रहे है। उन्होंने बताया कि इस वायरस की चपेट में आने पर रैपिड निमोनिया हो जाती है जिससे 15 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। होमियोपैथिक में जीनस एपिडेमिक्स विधि से इसका उपचार संभव है। क्योंकि अब तक जो लक्षण सामने आये है उनसे साफ है कि इसके उपचार में यह विधि कारगर साबित होगी।
By Ran Vijay Singh