बता दें कि पिछले दिनों सारथी सेवा संस्थान केे संयोजक विनीत सिंह रिशू ने जिलाधिकारी राजेश कुमार से शिकायत की थी कि नौ अच्छी सड़कों को खराब बताकर करोड़ों का घोटाला किया गया है। बीबीपुर मार्ग किमी 01से 20 स्टेट हाइवे तक के निर्माण के नाम पर 1.94 करोड, छितौनी-एदिलपुर मार्ग पर 1.88 करोड़, बीबीडी मार्ग किमी 21 से 40 तक स्टेट हाईवे के नाम पर 2.96 करोड, गाजीपुर-आजमगढ़ स्टेट हाईवे पर 3.10 करोड, जीयनपुर-मोहम्मदाबाद मार्ग ओडीआर पर 1.50 करोड़, लखनऊ-बलिया मार्ग-स्टेट हाईवे पर 1.87 करोड, जिवली-देवगांव माग एमडीआर पर 2.13 करोड, छतवारा-देवईत मार्ग-एमडीआर पर 2.31 करोड़, बनकट-जैगहा-कंधरापुर मार्ग ओडीआर के निर्माण के नाम पर 53 लाख का भुगतान कराया गया है। जबकि यह सभी सड़के अच्छी हालत में थी। जो सड़कें खराब है उनकी मरम्मत नहीं करायी गयी।
रिशु का आरोप था कि विभाग ने ए श्रेणी की सड़कों को सी में दिखाकर करोड़ों का बजट पास कराया। इन सड़कों के नवीनीकरण की कोई आवश्यकता नहीं थी। जिलाधिकारी राजेश कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच मुख्यविकास अधिकारी आनंद शुक्ला को सौंपी थी। सीडीओ ने जांच पूरी कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन सड़कों की शिकायत थी इसकी जांच उन्होंने और बीडीओ ने भी की। कहीं-कहीं पर मार्ग की पैचिंग की आवश्यकता थी। नवीनीकरण दिखाकर शासकीय धनराशि का आहरण गलत पाया गया है। किसी भी मार्ग के पुनर्निर्माण की आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि शासनादेश में भी स्पष्ट कहा गया है कि ए श्रेणी में सड़क अच्छी स्थिति में है तो पुनर्निर्माण की आवश्यकता नहीं है। बी श्रेणी में भी सड़क सामान्य ठीक स्थिति में और कुछ गड्ढे हैं तो भी नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होती है। सी श्रेणी में सड़क में जगह-जगह गड्ढे हैं। चलने लायक नहीं है तो नवीनीकरण की आवश्यकता होती है। इसके बाद भी घोटाले के लिए संबंधित अधिकारियों ने शासनादेश का उल्लघंन कर करोड़ों का गोलमाल किया। इस मामले में जिलाधिकारी का कहना है कि रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। शासन स्तर पर ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
BY Ran vijay singh