बता दें कि, समाजवादी पार्टी की सरकार में अपराध और अपराधियों को सरकार के संरक्षण को मुद्दा बनाकर बीजेपी 2017 में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आयी है। सीएम योगी लगातार अपराध और अपराधी मुक्त यूपी का दावा कर रहे हैं। अभी निकाय चुनाव के दौरान 25 नवंबर को डीएवी कॉलेज में बीजेपी की सभा में सीएम योगी आदित्यनाथ का भाषण विकास और अपराध के इर्दगिर्द घूमता रहा।
सत्ता में आने के बाद यूपी के बीजेपी सरकार की अगर किसी बात को लेकर सबसे अधिक किरकिरी हुई है तो वह है अपराध का मुद्दा। बाद में सरकार ने कड़े फैसले लिए और कुछ अपराधियों के इनकाउंटर के बाद प्रदेश में अपराध का ग्राफ भी कम हुआ लेकिन मंगलवार की शाम जो कुछ हुआ उससे एक बार फिर सरकार और उसके मंत्रियों की नियत पर सवाल उठने लगा है।
सत्ता में आने के बाद यूपी के बीजेपी सरकार की अगर किसी बात को लेकर सबसे अधिक किरकिरी हुई है तो वह है अपराध का मुद्दा। बाद में सरकार ने कड़े फैसले लिए और कुछ अपराधियों के इनकाउंटर के बाद प्रदेश में अपराध का ग्राफ भी कम हुआ लेकिन मंगलवार की शाम जो कुछ हुआ उससे एक बार फिर सरकार और उसके मंत्रियों की नियत पर सवाल उठने लगा है।
जहानागंज के मौनी बाबा कुटी पर आयोजित भासपा के रैली में शातिर अपराधी संजय यादव ने अपने समर्थकों के साथ हिस्सा लिया। संजय यादव के खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं पिछले दिनों उसने गाजीपुर के एमएलसी चंचल सिंह को जेल से धमकी दी थी।
पिछले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में संजय ब्लॉकप्रमुख चुना गया था, लेकिन जेल में होने के कारण उसकी शपथ नहीं हो पाई थी। जेल से छूटने के बाद दो माह पहले उसे शपथ दिलायी गयी। संजय जैसे ही अपराधी से माननीय बना उसे राजनीतिक संरक्षण की जरूरत थी। कारण कि उसे पुलिस से खतरा था। उसके लिए भासपा से बेहतर कोई विकल्प नहीं दिखा। यही वजह है कि वह अपने समर्थकों के साथ ओमप्रकाश राजभर की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया। चर्चा तो यहां तक है कि रैली का आयोजन ही संजय को पार्टी में शामिल करने के लिए किया गया था।
पिछले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में संजय ब्लॉकप्रमुख चुना गया था, लेकिन जेल में होने के कारण उसकी शपथ नहीं हो पाई थी। जेल से छूटने के बाद दो माह पहले उसे शपथ दिलायी गयी। संजय जैसे ही अपराधी से माननीय बना उसे राजनीतिक संरक्षण की जरूरत थी। कारण कि उसे पुलिस से खतरा था। उसके लिए भासपा से बेहतर कोई विकल्प नहीं दिखा। यही वजह है कि वह अपने समर्थकों के साथ ओमप्रकाश राजभर की मौजूदगी में पार्टी का दामन थाम लिया। चर्चा तो यहां तक है कि रैली का आयोजन ही संजय को पार्टी में शामिल करने के लिए किया गया था।
input- रणविजय सिंह