scriptअखिलेश राज में लुटेरे भी बन गए थे सिपाही, जांच में हुआ खुलासा | Criminals Got Police Job in Akhilesh Yadav Government Term | Patrika News
आजमगढ़

अखिलेश राज में लुटेरे भी बन गए थे सिपाही, जांच में हुआ खुलासा

14 की सेवा समाप्त बाकि में फैसले के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन

आजमगढ़Nov 27, 2018 / 02:56 pm

रफतउद्दीन फरीद

Akhilesh Yadav

अखिलेश यादव

आजमगढ़. बीजेपी सरकार पर शिक्षक भर्ती घोटाले का आरोप लगा रही समाजवादी पार्टी अखिलेश राज हुई पुलिस भर्ती में बड़े अनियमितता का खुलासा होने के बाद खुद घिरती दिख रही है। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में वर्ष 2015-16 में हुई पुलिस भर्ती में करीब 5 दर्जन अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल की है। इनमें से कई पर तो छेड़खानी, दहेज हत्या, मारपीट, लूट और चोरी जैसे गंभीर आरोप में मुकदमें दर्ज है। इसका खुलासा हाल में प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद हुआ। इसके बाद 14 सिपाहियों की सेवा समाप्ति के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। अभी ये सिपाही अलग-अलग जिलों में ट्रेनिंग ले रहे हैं। अन्य सिपाहियों की अभी जांच चल रही है। इनके संबंध में निर्णय के लिए एसपी ने अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। वहीं इस मामले में संलिप्ता के चलते पुलिस आफिस के बड़े बाबू सहित दो कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।
बता दें कि सपा सरकार के दौरान वर्ष 2015-2016 में पुलिस विभाग ने हाईस्कूल और इंटर के अंकों की मेरिट के हिसाब से भर्ती करने के लिए महिला/पुरुष अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे थे। इनके आवेदन भर्ती एवं प्रमोशन बोर्ड लखनऊ में जमा हुए। मेरिट के आधार पर चयन के बाद जून 2018 में आजमगढ़ जिले में अभ्यर्थियों के फिटनेस की जांच हुई जिसमें आजमगढ़, कुशीनगर, देवरिया और बलिया जिले के कुल 285 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। इनके प्रमाणपत्रों की जांच प्रक्रिया अभी चल ही रही थी कि जुलाई 2018 में इनकी आमद करा कर इन्हें ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग जिलों में भेज दिया गया।
इस बीच थानों से आई सत्यापन रिपोर्ट से पता चला कि 60 अभ्यर्थियों के खिलाफ संबंधित थानों में छेड़खानी, दहेज हत्या, मारपीट, लूट और चोरी तक के गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इन सभी ने झूठा शपथ पत्र दिया है जिसमें एक भी मुकदमा दर्ज न होने की बात लिखी गई है।
सत्यापन के बाद आजमगढ़ जिले के छह, बलिया के दो, देवरिया और कुशीनगर जिले के तीन-तीन सिपाहियों को नौकरी से हटाने के लिए भर्ती एवं प्रमोशन बोर्ड लखनऊ के साथ संबंधित जिले के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है। शेष लोगों के विरुद्ध कार्रवाई का क्रम जारी है।
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले दिनों जो पुलिस भर्ती हुई थी उनमें जिले के रहने वाले अभ्यर्थिया का मेडिकल यहां हुआ था। इसके बाद उन्हें एलाटमेंट वाले जिलों में ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया था। उनकी ट्रेनिंग चल रही है। इसी बीच जब उनके घोषणा पत्रों का सत्यापन किया गया तो पाया गया कि उनकी घोषणा पत्र हकीकत से मेल नहीं खाता है। ऐसे 34 लोगों को हमने नोटिस जारी की लेकिन ने हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट ने नोटिस को खारिज करते हुए सुनवाई करने को कहा। इसके बाद उन्हें सुनवाई का मौका दिया गया। अनियमितता मिलने पर 14 लोगों की सेवा समाप्ती के लिए शासन को भेजा गया है। शेष की खिलाफ कार्रवाई चल रही है।
एसपी रविशंकर छवि ने कहा कि झूठा शपथ पत्र देकर नौकरी हासिल करने वाले 14 लोगों के खिलाफ सेवा समाप्ती की रिपोर्ट भेजी गयी है। शेष के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इनके संबंध में निर्णण के लिए अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।

Home / Azamgarh / अखिलेश राज में लुटेरे भी बन गए थे सिपाही, जांच में हुआ खुलासा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो