scriptबहू से मिलीभगत कर सेक्रेटरी ने बुजुर्ग को जीते जी मरा साबित कर दिया, कुटुम्ब रजिस्टर में कर दिया मृत | Daughter in Law Declare Old Man Dead in Government Papers | Patrika News

बहू से मिलीभगत कर सेक्रेटरी ने बुजुर्ग को जीते जी मरा साबित कर दिया, कुटुम्ब रजिस्टर में कर दिया मृत

locationआजमगढ़Published: Feb 25, 2020 04:28:00 pm

खुद को जिंदा करने के लिए दर दर भटक रहा गरीब। अहरौला ब्लाक के मोलनापुर गांव का है ममाला।

Deadman

मृतक

आजमगढ़. भयमुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त के दावे की हकीकत देखिए यहां नौकरशाह अब तक तो सिर्फ कफन का ही सौदा करते थे लेकिन अब जिंदों की भी कब्र खोदने लगने है। ताजा उदाहरण अहरौला ब्लाक के मोलनापुर गांव का वृद्ध राम मूरत प्रजापति है जिसे जिंदा रहते ही कागज में मुर्दा कर दिया गया है। गरीब खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर दर भटक रहा है लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। उक्त पीड़ित ने डीएम को प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की मांग की है। वैसे डीएम ने भरोसा दिया है कि वह जल्द ही जिंदा हो जाएगा लेकिन देखना है कब। कारण कि वर्षो पहले मुर्दा किए गए लोग आज भी खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहद में जुटे है लेकिन साबित नहीं कर सके हैं।

 

अहरौला थाना क्षेत्र के मोलनापुर गांव निवासी राम मूरत प्रजापति पुत्र राम नरेश के मुताबिक उसकी बड़ी बहू से उसका विवाद चल रहा है। इसी बीच पांच साल पहले उसे किसी ने सेके्रटरी के साथ साजिश कर परिवार रजिस्टर में मृत घोषित कर दिया। उसे इसकी जानकारी हाल में तब हुई जब उसका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश हुई। इसके बाद से ह ीवह खुद को जिंदा साबित करने के लिए सेक्रेटरी से लेकर बीडिओ तक से गुहार लगा रहा है लेकिन उसकी सुनने को कोई तैयार नहीं है। पीड़ित ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर खुद को जिंदा करने तथा फ्राड करने वालों खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। इस मामले में जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में है और सत्य है।

 

जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। वहीं मृतक संघ के अध्यक्ष लालबिहारी मृतक का कहना है कि जिंदों को मुर्दा और मुर्दे को जिंदा कर उनकी संपत्ति को हड़पने का खेल कोई नया नहीं है। इस तरह के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं लेकिन इसे रोकने के लिए न तो आजतक कोई कानून बना और ना ही ठोस कार्रवाई की गयी। अन्य लोगों की तरह ही राम मूरत की लड़ाई भी वे लड़ेगे और उसे जिंदा कराएंगे। अब बड़ा सवाल यह है कि इस बुर्जूग को न्याय कर मिलेगा। मिलेगा भी या नहीं कारण कि अभी तमाम जिंदा मृतक सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे है लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला है।

By Ran Vijay Singh

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