बताते है कि जिला मुख्यालय स्थित एक मुहल्ले में 14 वर्षीय किशोर एक माह से बुखार, जुकाम से पीड़ित है। वर्तमान में उसे थूंकने व खाने में भी दिक्कत हो रही है। लगातार इलाज के बाद भी उसे राहत नहीं मिल रही है। चिकित्सकों ने किशोर को डिप्थीरिया के शिकार होने की आशंका व्यक्त की है। इससे परिजन परेशान हैं।
वहीं दूसरी तरफ किशोर में डिप्थीरिया के लक्षण मिलने की सूचना पर डब्लूएचओ की टीम गुरुवार को मौके पर पहुंची और किशोर का सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेज दिया। अगर किशोर जांच में पाजिटिव पाया जाता है तो उसके घर के 100 मीटर के आसपास रहने वाले सभी लोगों की जांच करायी जाएगी।
बता दें कि डिप्थीरिया का टीकाकरण नवजात के जन्म लेने के छह सप्ताह से ही शुरू हो जाता है। पांच बार इसका टीका लगाया जाता है। वहीं अब कटने अथवा किल आदि गड़ने पर लगाए जाने वाले टीटी के इंजेक्शन के स्थान पर डीटी का इंजेक्शन लगाया जा रहा है, ताकि किसी भी उम्र के लोगों को इससे बचाया जा सके। इसके बाद भी बच्चे में डिप्थीरिया का लक्षण मिलना स्वास्थ्य विभाग को बेचैन कर रहा है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके मिश्र ने बताया कि संदिग्ध संक्रमित की सैंपलिंग कराकर जांच के लिए भेजा गया है। यदि सैंपल की रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो संदिग्ध मरीज के घर से 100 मीटर की दूरी में 50 से 60 घरों की पड़ताल कराई जाएगी। यदि किसी में लक्षण मिलेगा तो उसकी भी जांच कराई जाएगी और इलाज किया जाएगा।