बता दें कि आजमगढ़ में प्रधान पद के 1858 पदों पर चुनाव होना है। इसमें 427 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गयी है। इसी तरह पिछड़ी जाति के लिए 504 सीट, 299 सामान्य महिला के लिए आरक्षित की गयी है। 828 सीट अनारक्षित रखी गयी है। इसी तरह क्षेत्र पंचायत की 2104 सीटों में 559 सीट अनुसूचित जाति, 559 सीट पिछड़ी जाति, 324 सीट महिला के लिए आरक्षित की गयी है। 986 सीटों को अनारक्षित रखा गया है। ब्लाक प्रमुख की 22 सीटों में अनुसूचित जाति के लिए 5 सीट, पिछड़ी जाति के लिए 5 सीट, महिलाओं के लिए चार सीट आरक्षित की गयी है। 7 सीट अनारक्षित रखी गयी है। जिला पंचायत सदस्य की 84 सीटों में अनुसूचित जाति के 22, पिछड़ी जाति के लिए 22, महिलाओं के लिए 12 सीट आरक्षित की गयी है। 28 सीटों को अनारक्षित रखा गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित की गई है।
अपर जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत दर्वे के मुताबिक जिले में कुल 84 जिला पंचायत सदस्य पद, 2104 क्षेत्र पंचायत, 1858 ग्राम पंचायत और 22 ब्लाक के प्रमुख पदों के लिए आरक्षण का प्रकाशन तीन मार्च को किया गया था। प्रकाशन के बाद उम्मीदवारों से 08 मार्च तक आपत्ति मांगी गई थी। निर्धारित अवधि तक कुल 898 लोगों ने आपत्ति दर्ज करायी। इसमें सबसे ज्यादा 705 लोगों ने डीपीआरओ के यहां शिकायत दर्ज करायी थी।
14 मार्च से पहले ही शिकायतों के निस्तारण के लिए गठित की गई टीम ने आपत्तियों को निस्तारित करते हुए खारिज कर दिया। अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर शिकायतों में कोई दम नहीं था। शिकायतकर्ताओं को घोषित आरक्षण की सूची से आपत्ति कम, मन के मुताबिक सीट निर्धारित करने की ज्यादातर शिकायतें रही हैं। आपत्तियों का निस्तारण करके सूची का अंतिम प्रकाशन 15 मार्च को करना था, लेकिन हाईकोर्ट की तरफ से रोक लगाए जाने के बाद सबकी निगाहें अब कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है। कोर्ट का फैसला आने के बाद अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दूबे ने बताया कि सभी शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है। ज्यादातर लोग अपने मन के मुताबिक सीट चाह रहे हैं, जो संभव नहीं है। आरक्षण का निर्धारण शासनादेश के मुताबिक किया गया है। अंतिम प्रकाशन कोर्ट का फैसला आने के बाद ही किया जाएगा। आपत्ति में अब किसी भी सीट पर किसी तरह का संसय नहीं है।
BY Ran vijay singh