स्थानीय लोगों के मुताबिक 80 के दशक में यहां एक पोखरी हुआ करती थी। वर्ष 1981 में पड़ोस के ही एक व्यक्ति की नियत भूमि पर खराब हुई और उसने रात में वहां शिव की प्रतिमा रख दी। शिव प्रतिमा तब से वहां पड़ी है। उस समय भी विवाद हुआ था लेकिन पुलिस ने मामला आस्था से जुड़ा होने के कारण यथा स्थित बहाल रखने का निर्देश देते हुए दोनों पक्षों को शांत करा दिया था। तब से वह प्रतिमा वहीं पड़ी है।
अब सृजन सखी मंच नामक एनजीओ जिसका काम शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना है वह यहां मंदिर बनाने का प्रयास कर रहा है। पिछले तीन दिनों ने एनजीओ के लोग यहां साफ सफाई कर रहे थे। स्थानीय लोग उनका मंसूबा नहीं समझ पाए। बुधवार को जब उनका मंसूबा सामने आया कि कुछ भूमि पर मंदिर बनेगा तो स्थानीय लोग विरोध में खड़े हो गए। एनजीओ की विजय लक्ष्मी पांडेय व साधना पांडेय का दावा है कि विरोध करने वाले लोग भूमि को विवादित बताकर यहां जिसका मकान है उसे नहीं बनने दे रहे हमने सोचा मंदिर बन जाएगा तो उसका मकान भी बन जाएगा लेकिन ये लोग मंदिर भी नहीं बनने दे रहे है।
वहीं राम जानकी शिव दुर्गा मंदिर के महंत का दावा है कि मंदिर की खाली भूमि पर अवैध कब्जे का प्रयास है। इस संबंध में एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर भूमि खाली कराने की मांग की गयी है लेकिन एनजीओ के लोग एक व्यक्ति से मिलकर कब्जा कर रहे है। स्थानीय लोगों का दावा है कि वहां एक पोखरी थी। रातोरात शिव प्रतिमा रखी गयी थी। एनजीओ के लोग हो या पड़ोस का व्यक्ति उन्हें शिव जी से कोई लेना देना नहीं है बल्कि वे आगे छोटा सा मंदिर बनाकर करोड़ों की भूमि पर कब्जा करना चाहते है जो कभी पोखरी हुआ करती थी। बात इतनी बढ़ गयी है कि मौके पर पुलिस तैनात करनी पड़ी है। शहर कोतवाल का कहना है कि दोनों पक्षों को याथस्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया गया है। मामले की जांच जारी है कि वास्तव में भूमि है कैसी।
By Ran Vijay Singh