बता दें कि जिला कारागार के बैरक नंबर पांच में बिस्तर बिछाने की बात को लेकर 16 मार्च को दो बंदी गुटों के बीच मारपीट हुई थी। घटना की जांच के लिए पहुंचे एडीएम प्रशासन व एसपी सिटी ने जब जेल के बैरकों की तलाशी ली तो 36 मोबाइल के साथ ही अन्य प्रतिबंधित सामने बरामद हुए। इस छापेमारी के खिलाफ जेल में बंदियों ने जमकर उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ व प्रदर्शन किया था। जेल में हुए उपद्रव की घटना को शासन ने गंभीरता से लिया था। तत्कालीन जेल अधीक्षक अनिल गौतम, जेलर हरीश कुमार मुख्य कारापाल के साथ ही पांच बंदीरक्षकों को निलंबित कर दिया गया। यहीं नहीं इस मामले की जांच जिला प्रशासन के साथ ही कारागार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने की। इस घटना के बाद से ही जेल की सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई। सुरक्षा के लिए जेल के मुख्य गेट पर पुलिस की 24 घंटे ड्यूटी लगा दी गई है। मुलाकाती के साथ ही बंदीरक्षक भी जेल के मुख्य गेट पर गहन तलाशी के बाद ही जेल के अंदर प्रवेश कर पा रहे हैं।
इधर जेल में हुए उपद्रव की घटना को एक माह भी नहीं पूरा हो पाया कि फिर से जेल में निरुद्ध बंदी जेल प्रशासन के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिए। बंदियों का आरोप है कि जेल में उन्हें भरपेट भोजन नहीं दिया जा रहा है। 65 किलो दाल की जगह केवल 25 किलो दाल मेस में भेजी जा रही है। ऐसे ही चावल व आटा तथा सब्जी में भी कटौती की जा रही है। इस संबंध में कई बार जेल अधीक्षक से वार्ता हुई लेकिन वे मानने के लिए तैयार नहीं है। मजबूर होकर बंदियों ने सोमवार को भूख हड़ताल शुरू की। इसके बाद जेल अधीक्षक ने वार्ता की और बंदियों को मेस में जाकर खुद भोजन आदि बनाने में मदद की बात की। इसके बाद मंगलवार को जब बंदी मेस में गए तो डिप्टी जेलर सुधाकर राम ने डांटकर भगा दिया। इसके बाद मजबूर होकर बंदी अनशन पर बैठ गए है।
मंगलवार की रात करीब भूख प्यास के चलते करीब डेढ़ दर्जन बंदी गंभीर रूप से बीमार हो गये। उनका उपचार चल रहा है। कई चिकित्सक की टीम जेल में लगायी गयी है लेकिन हालत गंभीर होने के बाद उन्हें हायर सेंटर नहीं भेजा जा रही है। वहीं जेल अधीक्षक राधा कृष्ण मिश्र का कहना है कि जेल में इधर सख्ती कर दी गई है, जिसके चलते बाहर से अवैध सामान आना बंद हो गया है। बंदियों की मनमानी नहीं चल पा रही है तो कुछ बंदी दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन व भूख हड़ताल कर रहे है। इस मामले में जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी का कहना है कि कुछ बंदियों बीमार होने की सूचना है। उनका उपचार चल रहा है।