बैठक में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि खाद्य कारोबारियों के यहां हाइजीन रेटिंग, ईट राईट इनिशिएटिव कराया जा रहा है। साथ ही दूध एवं दूध से निर्मित खाद्य पदार्थों के नमूनों को संकलित कर जांच कराई जा रही है। जिलाधिकारी ने मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि दशहरा/दीपावली त्योहार के दृष्टिगत अभियान चलाकर टीम के माध्यम से समस्त खाद्य एवं पेय पदार्थों के गुणवत्ता की जांच करायें एवं गुणवत्ता में कमी पायी जाती है तो कार्यवाही करें। खाद्य पदार्थ की जो जांच सचल खाद्य जांच प्रयोगशाला से कराई जा रही है, उसमें जांच की संख्या बढ़ाएं।
जिलाधिकारी ने बताया कि संज्ञान में आ रहा है कि मिठाईयों की दुकानों पर मिठाईयों में मानक से ज्यादा सिन्थेटिक कलर का प्रयोग हो रहा है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी को निर्देश दिये कि ऐसी मिठाई की दुकानों की जाचं कराएं। जहां पर मिठाईयों में सिन्थेटिक कलर मिलाया जा रहा है, जांच में मानक से अधिक सिन्थेटिक कलर पाया जाता है तो उन मिठाईयों को अपनी उपस्थिति में नष्ट करायें। साथ ही स्लम एरिया में छोटे दुकानदार/ठेलों द्वारा खाद्य पदार्थों की बिक्री की जा रही है, उन खाद्य पदार्थों पर न किसी कम्पनी का नाम और न ही लेबल लगे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि स्लम एरिया में ऐसे दुकानादारों/ठेलों की जांच करें। जो ऐसे सामानों की बिक्री कर रहे हैं, उनसे यह भी जानकारी प्राप्त करें कि यह सामान कहां से खरीदे हैं, उन पर कार्यवाही करें।
डीएम ने निर्देश दिए कि जिन खाद्य कारोबारकर्ताओं से सैम्पल लिया जाय, यदि उनके सैम्पल टेस्ट में फेल पाये जाते हैं तो उन पर कार्यवाही करें। खाद्य एवं पेय पदार्थों की जांच कराये जाने के लिए कार्ययोजना बनाकर उपलब्ध करायें, जिसमें यह भी शामिल हो कि जनपद में कितने मिठाई, बेकरी, रेस्टोरेन्ट, खाद्य कारोबारी आदि की दुकानें हैं। उन पर किस प्रकार जांच करायेंगे। उसके लिए कितनी टीमें लगायी जायंेगी एवं कितने समय में जांच करायी जायेगी। कार्ययोजना के अनुसार जिन-जिन प्रतिष्ठानों की जांच पूर्ण हो जाये, उनकी बाद में भी बराबर जांच करते रहें। जिलाधिकारी ने औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा को निर्देश दिया कि जो केमिस्ट/ ड्रगिस्ट नशीली/प्रतिबन्धित औषधियों की बिक्री करते हैं, उन प्रतिष्ठानों के क्रय/बिक्रय एवं स्टाक रजिस्टर की जांच करें और यह भी देखें कि निर्धारित मानक से ज्यादा की बिक्री न करें। उन्होने कहा कि ऐसे दुकानों को भी चिन्हित करें, जिनके पास लाइसेंस नही हैं, फिर भी नशीली/प्रतिबन्धित औषधियों की बिक्री कर रहे हैं।
उन्होने औषधि निरीक्षक को निर्देश दिये कि जनपद के प्रत्येक दवा की दुकानों से सम्पर्क कर विभागीय ईमेल आईडी उपलब्ध कराते हुए उनसे टीबी की दवा लेने वाले मरीजों की जानकारी प्राप्त करें एवं उनका डाटा मुख्य चिकित्साधिकारी को उपलब्ध करायें। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आईएन तिवारी, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक श्रीवास्तव, औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्य, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य राजकुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका आजमगढ़ सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।