बता दें कि दो दिन पूर्व यूपी सरकार के परिहवहन मंत्री दायशंकर सिंह तिरंगा यात्रा में शामिल होने के लिए आजमगढ़ पहुंचे थे। पार्टी कार्यालय में सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भीड़ थी। दयाशंकर सिंह गेट से बाहर निकल रहे थे उसी दौरान प्रदेश कार्यसमिति सदस्य किसान मोर्चा दिवाकर सिंह और जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा श्रीकांत मौर्य उनके स्वागत के लिए बढ़े। तभी मंत्री के साथ फोटो खिंचवा रहे जिलाध्यक्ष धु्रव कुमार सिंह ने दिवाकर सिंह को जोर से धक्का मार दिया। दिवाकर सिंह लड़खड़ाकर श्रीकांत मौर्य के उपर गिरे। दोनों ही जमीन पर गिर गए।
इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। मंत्री ने उस समय किसी तरह स्थिति को संभाल लिया। मंत्री के जाने के बाद पार्टी के नेताओं ने ही धक्का मारने की वीडियो का फेसबुक व अन्य सोशल साइट पर शेयर कर पार्टी जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसके बाद पार्टी में विवाद बढ़ गया। यह मामला अब प्रदेश नेतृत्व तक पहुंच गया है। दिवाकर सिंह का कहना है कि वीडियो में साफ है कि जिलाध्यक्ष ने उन्हें धक्का मारकर गिरा दिया है। इस संबंध में शीर्ष नेतृत्व ने मुझसे पूछा था लेकिन मैंने बता दिया कि कारण हमें पता नहीं है। यह जिलाध्यक्ष ही बता सकते है। वहीं श्रीकांत मौर्या ने कहा कि जो हुआ अप्रत्याशित था। किसी ने भी अध्यक्ष से इस तरह की उम्मीद नहीं की थी।
वैसे बीजेपी का यह विवाद नया नहीं है। पार्टी में वर्चश्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। पिछले दिनों सीएम की आजमगढ़ रैली के बाद भी इसी तरह का विवाद शुरू हुआ था। विनीत सिंह रीशू ने जिलाध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगाया था। यहीं नहीं पार्टी के लोगों ने ही लोकसभा उपचुनाव के दौरान जिलाध्यक्ष पर निरहुआ को हराने की साजिश का आरोप लगाया था। वैसे जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह इस मुद्दे पर कोई कोई बात करने से इनकार कर रहे हैं।