जबकि बार-बार स्पष्ट निर्देश दिये जा चुके हैं कि प्राधिकरण में भवन मानचित्र स्वीकृति हेतु लम्बित आवेदन पत्रों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार कराया जाये, क्योंकि ससमय मानचित्र स्वीकृत न होने पर अवैध निर्माण की स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होने कहा कि अतः स्वंय तथा प्राधिकरण में तैनात सहायक अभियन्ता, अवर अभियन्ताओं सहित कर्मचारियों की 2-3 टीमें बनाकर, अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध निर्माण के साथ-साथ भवन मानचित्र आवेदन पत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर तत्संबंध में तत्कालिक तौर पर अपेक्षित कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें। इस दिशा में अबतक आपके स्तर न तो कोई ठोस कार्यवाही की जा रही है, और न ही अवैध निर्माण पर नियंत्रण हेतु कोई ठोस कार्ययोजना बनाई गई है।
उन्होने बताया कि आपके द्वारा वर्ष 2017 से अबतक अवैध निर्माणकर्ताओं के संबंध में निर्गत नोटिस सीलिंग एवं ध्वस्तीकरण संबंधी उपलब्ध कराई गई सूचना के अवलोकन से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि निर्गत नोटिस ,ध्वस्तीकरण तथा सीलबन्द के प्रकरणों की वर्तमान स्थिति क्या है। साथ ही सीलबन्द व ध्वस्तीकरण संबंधी अधिकतर मामलों में काफी पूर्व की स्थिति का उल्लेख है, जो सही नहीं है। अतः इस संबंध में सक्षम न्यायालय स्तर से पारित किसी अन्यथा आदेश के बिना मौके पर वर्तमान में यथास्थिति कायम है या निर्माण कार्य जारी है, के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई है।
उल्लेखनीय है कि आप द्वारा वर्ष 2017-18 के पूर्व 1041 नोटिस जारी होने की सूचना दी गई है तथा वर्ष 2017-18 में 109 नोटिस जारी हुई है, किन्तु जिन मामलो मे नोटिस निर्गत हुई है । इस प्रकार कुल 1150 नोटिस सुनवाई हेतु लम्बित हैं, जो सही नहीं प्रतीत होती हैं, क्योंकि निस्तारित नोटिसों का उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद सुनवाई /निस्तारण की स्थिति अत्यन्त खराब है, जिससे स्पष्ट है कि आप द्वारा समयबद्ध ढंग से नोटिसों के निस्तारण में कोई रूचि नहीं ली जा रही है। इसके अतिरिक्त आप अधीनस्थों के साथ न तो लम्बित आवेदन पत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर निस्तारण कराया जा रहा है और न ही बिना मानचित्र स्वीकृति के अवैध निर्माण पर प्रभावी नियंत्रण रख पा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप अपरोक्ष रूप से अवैध निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है और अवैध निर्माणों के प्रति मात्र नोटिस जारी करके मात्र खानापूर्ति की जा रही है।
जिलाधिकारी द्वारा आजमगढ़ विकास प्राधिकरण क्षेत्र में हो रहे निर्माण का औचक निरीक्षण तहसीलदार सदर के माध्यम से करायी गई। निरीक्षण के दौरान काफी संख्या में निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृति के पाये गये, जिसकी सूची साथ में संलग्न है। इससे प्रथमदृष्टया स्पष्ट है कि प्राधिकरण क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण के प्रति संवेदनशील नहीं हैं।
जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह द्वारा बाबू सिंह सचिव, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण आजमगढ़ को अन्तिम रूप से भविष्य के लिए सचेत करते हुए निम्न निर्देश दिये जिसमें साप्ताहिक तौर पर सम्पादित कार्यों की समीक्षा प्रत्येक शनिवार को सायं 5-30 बजे कैम्प कार्यालय पर की जायेगी, जिसमें आपके साथ-साथ समस्त अभियन्तागण व कर्मचारी उपस्थित रहेंगे, आप तथा सहायक अभियन्ता की अध्यक्षता में दो अलग-अलग टीमों का गठन किया जायेगा, जिसमें प्राधिकरण कर्मचारी के अतिरिक्त एक-एक होमगार्ड स्वयंसेवक भी रहेंगे।
यह टीम दैनिक तौर पर निर्धारित क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए मानचित्र आवेदन पत्रों का स्थलीय निरीक्षण के साथ-साथ हो रहे अवैध निर्माण का भी निरीक्षण कर उसका फोटोग्राफ लेकर अपेक्षित कार्यवाही करेंगे तथा कृत कार्यवाही की आख्या प्रत्येक शनिवार को कैम्प कार्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में प्रस्तुत करेंगे।
इसी के साथ ही साथ लम्बित भवन मानचित्र आवेदन पत्रां पर अपेक्षित औपचारिकता पूर्ण कराते हुए प्रत्येक माह कैम्प आयोजित कर स्वीकृति प्रदान की जायेगी। इस शिविर में सम्बन्धित लेखपाल तथा तहसीलदार/नायब तहसीलदार को अवश्य बुलाया जाये तथा जिन मामलों में नोटिस निर्गत हो चुकी है, उनमें सुनवाई हेतु एक-एक पक्ष की तिथियां देकर नियमानुसार निस्तारण किया जाय तथा इसकी प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक समीक्षा बैठक में प्रस्तुत की जाये।
इसी के साथ ही साथ लम्बित भवन मानचित्र आवेदन पत्रां पर अपेक्षित औपचारिकता पूर्ण कराते हुए प्रत्येक माह कैम्प आयोजित कर स्वीकृति प्रदान की जायेगी। इस शिविर में सम्बन्धित लेखपाल तथा तहसीलदार/नायब तहसीलदार को अवश्य बुलाया जाये तथा जिन मामलों में नोटिस निर्गत हो चुकी है, उनमें सुनवाई हेतु एक-एक पक्ष की तिथियां देकर नियमानुसार निस्तारण किया जाय तथा इसकी प्रगति रिपोर्ट साप्ताहिक समीक्षा बैठक में प्रस्तुत की जाये।
सीलबन्द एवं ध्वस्तीकरण से संबंधित मामलों में पारित आदेशों का प्रकरणवार अलग-अलग अनुपालन की प्रगति आख्या प्रस्तुत की जाये, आयुक्त महोदय की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड की बैठक में लिये गये निर्णय का अनुपालन आख्या बैठक में प्रस्तुत की जाय, लम्बित भवन मानचित्र आवेदन पत्रों के निस्तारण की स्थिति तथा सबसे पुराने आवेदन पत्रों की संख्या एवं निस्तारण न होने के कारणों सहित विवरण साप्ताहिक बैठक में प्रस्तुत किया जाये, निर्माण/सौन्दर्यीकरण तथा प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित योजनाओं का स्थिति की समीक्षा की जायेगी।
जिलाधिकारी ने बाबू सिंह सचिव, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण आजमगढ़ से अपेक्षा की है कि उपरोक्त प्रत्येक बिन्दुओं की गहराई से अध्ययन कर जिलाधिकारी की मंशा से सभी संबंधित को स्पष्ट रूप से अवगत् कराते हुए स्वयं तथा अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराये अन्यथा यह मानते हुये कि आपका शासकीय कार्यो में कोई रूचि नही है तदनुसार कर्तव्यों के प्रति उदासीनता के आरोप में आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति प्रेषित कर दी जायेगी।
by Ran Vijay Singh