बता दें कि अहरौला थाना क्षेत्र के पारा गांव निवासी इंद्रपाल मौर्या मंगलवार को अपनी पत्नी शकुंतला मौर्या के साथ बाइक से शाहगंज दवा लेने के लिए गए थे। दवा लेने के बाद लगभग तीन बजे उन्होंने घर फोन कर बताया कि वे घर के लिए निकल रहे हैं। देर शाम तक जब वह घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने उनके मोबाइल पर संपर्क करना शुरू किया। काफी प्रयास के बाद रात 9.45 बजे फोन उठा तो इंद्रपाल ने बस इतना ही कहा कि वो बड़ी मुसीबत में है। इसके बाद फोन कट गया था। परिजन अनहोनी की आशंका में तहरीर लेकर अहरौला थाने में तहरीर दी लेकिन मुकदमा 24 घंटे बाद दर्ज किया गया। इसी बीच गुरुवार को दंपत्ति का शव फूलपुर कोतवाली क्षेत्र अंबारी में सड़क किनारे गड्ढ़े में पाया गया। ग्रामीणों में पुलिस को लेकर कार्फी आक्रोश है। कारण कि उनका मानना है कि अगर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की होती तो दोनों की जान बच सकती थी।
वहीं दूसरी तरफ गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद देर रात शव घर पहुंचा। शुक्रवार की सुबह दोनों की अर्थी उठी। सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार के लिए लोग दुर्वासा धाम जा रहे थे। अभी शव यात्रा फुलवरिया बाजार के सजनी मोड़ पर पहुंचा था कि लोगों ने शव सड़क पर रखकर सड़क जाम कर दिया। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों में जमकर नोकझोंक हुई। स्थिति को देखते हुए अतरौलिया, महराजगंज, कप्तानगंज, बिलरियागंज, पवई थानों की फोर्स के साथ सीओ फूलपुर और बूढ़नपुर भी पहुंच गए। उसके बाद भी लोग शांत नहीं हुए, तो बिलरियागंज के थाना प्रभारी विजय प्रकाश मौर्य को आगे किया गया, तब जाकर आक्रोश शांत हुआ और अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर दुर्वासा रवाना हुए। शव के साथ-साथ भारी फोर्स भी दुर्वासा तक गई, जहां इंद्रपाल मौर्या व शकुंतला के शव को बेटे शिवांश ने मुखाग्नि दी।