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रोडवेज कर्मचारियों की दबंगई, चालक परिचालक ने विभगीय कर्मचारियों की जमकर की पिटाई

locationआजमगढ़Published: Mar 30, 2019 03:25:22 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

एआरएम से लेकर सारे अधिकारी तमाशबीन बने देखते रहे

Roadways

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आजमगढ़. रोडवेज मतलब अराजकता और लूट का अड्डा यह बात शनिवार को साबित हो गई। जब निजी वाहन संचालक और विभागीय अधिकारी कर्मचारी विभाग के ही चालक परिचालक से भिड़ गए। इस दौरान दोनों पक्षों में रोडवेज तिराहे पर जमकर मारपीट हुई। एआरएम से लेकर सारे अधिकारी तमाशबीन बने देखते रहे। बाद में पता चला कि पूरा विवाद निजी वाहनों में तिराहे पर सवारी बैठाकर कमीशन लेने का था। बहरहाल अधिकारी इसे मामूली विवाद बताकर पूरी घटना को दबाने में जुटे हैं।

बता दें कि रोडवेज प्रशासन की लूट खसोट के कारण यहां विवाद होना आम बात है। रोडवेज परिसर बनने के बाद भी सारी बसें सिर्फ इसलिए तिराहे पर खड़ी होती हैं ताकि माल की बिल न काटनी पड़े और इससे होने वाली वसूली की बंदरबाट की जा सके। धन में हिस्से को लेकन कई बार यहां मारपीट हो चुकी है। इसके अलावा रोडवेज वाहनों के बीच में निजी वाहन खड़ा कर उसमे सवारी बैठाने व बदले में निजी वाहन संचालकों से मोटी रकम लेने का खेल भी यहां पुराना है लेकिन शनिवार को तो हद हो गयी। सूत्रों की माने तो डिपो गेट के पास लेन देन को लेकर ही कर्मचारियों का मऊ डिपो की बस यूपी 50 एटी 9891 के परिचालक से विवाद हुआ। इसके बाद जाम का बहाना बनाकर कर्मचारियों ने परिचालक पर हमला कर दिया। फिर क्या था दोनों पक्ष में मारपीट शुरू होगी जिसके कारण पूरे तिराहे पर अफरा तफरी मच गयी। बस में बैठे यात्री सहम गए लोग इधर-उधर भागने लगे। भगदड़ व धक्का मुक्की में कई यात्रियों को भी चोटे आई।

बात बढ़ी तो मारपीट कर रहे विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों के साथ निजी वाहन संचालाकों ने भी परिचालक व चालक पर हमला कर दिया। बीच बचाव करने पहुंची पुलिस के साथ भी विभागीय लोगों ने दुर्व्यवहार किया। यात्रियों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ। वहीं पास ही मौजूद एआरएम सहित तमाम विभागीय अधिकारी मूकदर्शन बने रहे। इस मामले में एआरएम ललित कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अभी उन्हें इसकी जानकारी नहीं है मामले की जांच कराई जा रही है जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं रोडवेज पर आए दिन हो रहा बवाल आम आदमी के लिए मुसीबत बना हुआ है। आरएम पूरे मामले में मौन साधे है जबकि विभागीय कर्मचारियों की दबंगई और चालक परिचालकों की मनमानी से व्यवसायियों का कारोबार तक चौपट हो रहा है। बस कब से परिसर में खड़ी होगी यह भी बताने के लिए आरएम पीके तिवारी तैयार नहीं है।
BY- Ranvijay Singh

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