बता दें कि बरदह थाना क्षेत्र के पुरसुडि गाँव के चौराहे पर देवी दुर्गा की प्रतिमा नौ दिनों से स्थापित थी। दशहरे के अवसर पर प्रतिमा को गांव में घुमाकर विसर्जित किया जाना था। इसी बीच दूसरे वर्ग के लोगों ने थाने में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि दुर्गा प्रतिमा अगर गाँव में घुमाई गई तो बवाल हो सकता है क्यों कि इसी दिन गांव में ताजिया का जुलूस निकलने वाला है।
इसके बाद शुक्रवार को एसओ बरदह विनोद सोनकर ने दोनेां पक्षों को थाने पर बुलाया और समझौता कराया कि दुर्गा प्रतिमा गांव में 12 दोपहर में गांव में घुमाई जायेगी। इसके बाद उसका विर्सजन होगा जबिक शाम को आठ बजे ताजिया का जुलूस निकाला जायेगा। दोनों पक्ष इसपर सहमत हो गये।
शनिवार को लोग प्रतिमा विर्सजन की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच दूसरे पक्ष के लोगों ने थाने पर फिर शिकायत की और मूर्ति गांव में घुमाने से रोकने की मांग की। इसके बाद एसओ बरदह सुरेश चंद्र, सीओ लालगंज रविशंकर प्रसाद, देवगांव कोतवाल भारी संख्या में फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और प्रतिमा गांव में घुमाने से रोक दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की धमकी देकर प्रतिमा को जबरदस्ती गांगी नदी में विसर्जित करवां दिया। जबकि मोहर्रम का जुलूस रात में आठ बजे निकलना था। ग्रामीणों का कहना था कि जब प्रतिमा नहीं धूम सकती तो मोहर्रम का जुलूस पुलिस किस आधार पर निकलवायेगी, हम ताजिया भी नहीं घूमने देंगे।
इसके बाद सीओ ने कहा कि ऐसा मत करना ताजिया गाँव में घूमेगा और कोई लड़ाई झगड़ा होता है तो तुम सभी लेगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। विवाद की जानकारी होते ही पुलिस अधीक्षक अजय साहनी भी मौके पर पहुंच गये। उन्होंने ग्रमीणों से बातचीत की और मौके पर फोर्स तैनात करा दी। गांव में तनाव साफ दिख रहा है।
by RAN VIJAY SINGH