शहर के मातबरगंज मुहल्ला निवासी वेद प्रकाश सिंह लल्ला को ही लीजिये। विभाग द्वारा मोबाइल पर भेजे गए बिल को लेकर वह विभाग के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। वेद प्रकाश सिंह लल्ला के मोबाइल पर 18 अगस्त को विभाग का विद्युत बिल के संबंध में मैसेज आया। जिसमें उन्हें 25 अगस्त तक 677.72 रुपये का भुगतान करने को कहा गया। अभी वह इसका भुगतान करते उसके पहले 20 अगस्त को विभाग की ओर से दूसरा मैसेज आया जिसमें उनका बिल 1226 रुपये बताया गया। जिसे जमा करने के लिए 26 अगस्त तक का समय दिया गया। दो सितंबर तक न जमा करने की दशा में कनेक्शन विच्छेदन की चेतावनी दी गई।
जब वे बिल जमा करने के लिए पहुंचे तो उनकी बिल अधिक बता दी गयी। वेद बिना बिल जमा किये वापस लौट आये। इसके बाद यही मैसेज 28 अगस्त को भी आया। फिर 17 सितंबर को उनके पास विभाग द्वारा 1916.17 रुपये बकाया का विद्युत बिल भेजा गया। जिसे जमा करने के लिए 23 सितंबर अंतिम तिथि निर्धारित की गई। अभी वह उसे जमा करने के बारे में सोच ही रहे थे कि 21 सितंबर को एक और मैसेज आया जिसमें बताया गया कि आपका बिल 19913.7 रुपये रुपये हो गया है। बिल हजारों में देख उपभोक्ता के होश उड़ गए।
इसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारी से शिकायत कर बिल सही कर भुगतान की बात कही लेकिन अधिकारी ने यह कह कर लौटा दिया कि हम कुछ नहीं कर सकते जो बिल है उसे जमा करो। इसके बाद उपभोक्ता ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की। इसी बीच 24 सितंबर को विभाग की ओर से उन्हें एक और मैसेज आया। जिसमें उनका कुल 21829.70 रुपये बताते हुए 25 सितंबर तक जमा करने को कहा गया। जमा न करने पर दो अक्टूबर तक बिजली का कनेक्शन विच्छेद करने की चेतावनी दी गई है। जिससे उनके होश उड़े हुए हैं। वैसे यह कोई एक मामला नहीं है। इस तरह के दर्जनों लोग बिल सही कराने के लिए विभाग का चक्कर काट रहे हैं। इस मामले में अधिशासी अभियंता का कहना है कि अभी हम कुछ नहीं कर सकते। मीटर लगने दीजिए उसके बाद क्या सही है क्या गलत फैसला होगा। बरवक्त बिल जमा करना पड़ेगा।
इस मामले में मुख्य अभियंता आरआर सिंह का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ियां हो जाती है। अगर उक्त व्यक्ति अपने बिल की अदायगी समय पर करता रहा है तो इसे दिखवा लिया जाएगा। इसमें किसी प्रकार के चिंता की कोई बात नहीं है। बिल में जो भी गड़बड़ी होगी उसे दूर किया जाएगी। उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है।
BY Ran vijay singh