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निजीकरण के फैसले के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने निकाला मशाल जुलूस, दी आर-पार के लड़ाई की चेतावनी

locationआजमगढ़Published: Sep 28, 2020 08:27:41 pm

पिछले एक माह से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है कर्मचारी
सड़क पर सैलाब देख बड़ी पुलिस की मुश्किल, दिखा अफरातफरी का माहौल
पांच अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे बिजली कर्मचारी

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मशाल जुलूस निकाल प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी

आजमगढ़. बिजली विभाग के निजीकरण का मामला तूल पकड़ चुका है। पिछले एक माह से हाइडिल कालोनी में धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी सोमवार की शाम सड़क पर उतर गए। कर्मचारियों ने मशाल जुलूस निकाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने फैसला वापस न लेने पर सरकार को आरपार की लड़ाई की चेतावनी दी। ऐसा लगा मानों सड़कों पर सैलाब उमड़ पड़ा हो। पुलिस को स्थिति नियंत्रण करने में भारी मशक्कत करनी पड़ी।


मशाल जुलूस सिधारी हाइडिल कालोनी से निकलकर मऊ रोड शंकर जी मूर्ति, सिधारी पुल रैदोपुर होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा। जुलूस में शामिल कर्मचारी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किए। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के बाद जुलूस वापस लौटा और हाइडिल कालोनी पहुंचकर समाप्त हो गया।


कर्मचारी नेता राजनरायण सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को निजी हाथों में सौंपने के फैसले पर तेजी से आगे बढ़ रही है। बिजली विभाग का निजीकरण न तो कर्मचारियों के हित में है और ना ही आम आदमी के। कर्मचारी इसका लगातार विरोध कर रहे हैं।


विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को आगाह करने की कोशिश कर रही है लेकिन अब तक सरकार ने सकारात्मक रूख नहीं दिखाया है। निजीकरण के विरोध और सरकार की हटर्धिर्मता के कारण सभी संगठनों के सदस्य आज प्रदेश भर में मशाल जुलूस निकालकर विरोध किये। यदि सरकार निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेती है तो कर्मचारी 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर चले जायेंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

BY Ran vijay singh

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