बतातें चले कि, सगड़ी तहसील के नत्थूपुर गांव में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 30 अगस्त को कारगील शहीद रामसमुझ यादव की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही पूर्वांचल के शहीद परिवारों का सम्मान करेंगे।
इस दौरान वे श्रद्धाजंलि सभा को संबोधित करेंगे। विधानसभा चुनाव के बाद
अखिलेश यादव पहली बार आजमगढ़ आ रहे है। सपाई चाहते हैं कि कार्यक्रम में यह साबित कर सके कि उनका जनाधार में कोई कमी नहीं हुई है।
यही वजह है कि एक सप्ताह से समाजवादी पार्टी और उसके अनुवांशिक संगठन लगातार दसों विधानसभा में बैठके कर अधिक से अधिक लोगों को कार्यक्रम में ले जाने का प्रयास कर रहे है। सपाइयों की सरगर्मी देख अब दूसरे दलों की नजर भी इनपर है।
कार्यक्रम शहीद परिवार की तरफ से आयोजित है लेकिन सपा के लोगों ने शहर से लेकर गांव तक
अखिलेश यादव का पोस्टर और होर्डिंग लगा दी। पार्टी ने पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, नफीस अहमद, रामआसरे विश्वकर्मा सहित सभी बड़े नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां भी सौंपी है।
वहीं इस कार्यक्रम को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है। दरअसल, कारगिल शहीद के शहादत दिवस पर आयोजित समारोह में खुद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश पहुंच तो रहे हैं लेकिन उन्हीं की पार्टी के लोग शहीद स्मारक में लगी तीन शहीदों की प्रतिमाओं के चेहरे पर पूर्व सीएम का पोस्टर चिपका कर अपमान करने में कोई गुरेज नहीं किया। यह हरकत रौनापार थाने के सामने हुआ लेकिन पुलिस तब जागी जब विश्व हिंदू महासंघ ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया ।