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माफिया कुंटू के गुर्गो से परेशान पीड़ित परिवार ने कहा आत्मदाह कर लेंगे साहब

locationआजमगढ़Published: Oct 20, 2020 09:07:21 am

मेहता पार्क में आमरण अनशन पर बैठा पूरा परिवार मचा हड़कंप
एसडीएम बोले, सिविल कोर्ट में विचाराधीन है मामला, सक्षम अधिकारी से करें शिकायत
एसओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़ा परिवार कहा किया जा रहा है उत्पीड़न

azamgarh news

अनशन पर बैठे पीड़ित परिवार से बात करते एसडीएम प्रशांत कुमार

आजमगढ़. लाख कोशिशों के बाद भी आजमगढ़ पुलिस माफिया कुंटू सिंह और उसके गुर्गों पर लगाम कसने में नाकाम है। कुंटू जहां जेल में बैठकर लोगों को धमकियां दे रहा है वहीं उसके गुर्गें खुलेआम गरीबों का उत्पीड़न कर रहे हैं। ताजा मामला मुबारकपुर थाना क्षेत्र के पुरा रानी मुहल्ले का है। यहां एक व्यक्ति की भूमि पर खुद को कुंटू सिंह का आदमी बताने वाले दबंग कब्जा कर रहे है और पीड़ित जब थाने जा रहा है तो पुलिस उसे भगा दे रही है। मजबूर पीड़ित परिवार सोमवार को जिला मुख्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गया। अधिकारियों के समझाने के बाद उन्होंने अनशन तो तोड़ दिया लेकिन न्याय न मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।

मुबारकपुर कस्बा के पुरा रानी मुहल्ला निवासी जैनुद्दीन खान का आरोप है कि उसकी पत्नी शहरून्निशा के नाम से जमीन है। इस जमिन पर भू-माफिया सूबेदार यादव जो खुद को कुंटू सिंह का आदमी बताता है गलत चैहद्दी देकर गलत ढंग से उसके हाते पर कब्जा करना चाहता है।

दबंग से परेशान होकर उसने सिविल कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन सूबेदार यादव अपने साथियों के साथ मिलकर लगातार भूमि पर कब्जे का प्रयास कर रहे है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। जब वह इसकी शिकायत थाने में किया तो दारोगा ने उसे गाली-गलौज देकर थाने से भगा दिया।

भू-माफियाओं और पुलिस से परेशान पीड़ित सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने स्थित मेहता पार्क में पूरे परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठ गया। पीड़ित परिवार ने भू-माफिया से जमीन बचाने व थानाध्यक्ष को निलंबित करने की मांग की। उसकी भूमि पर किये जा रहे कब्जे को न रोकने पर आत्मदाह की चेतावनी दी।

आमरण अनशन की जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी सदर प्रशांत कुमार ने लोगों को समझा बुझाकर अनशन समाप्त कराया। उन्होंने कहा कि पत्रावलियों को अवलोकन किया है। कब्जे से सम्बन्धित मामला सिविल कोर्ट में विचाराधीन है। अगर पीड़ित सिविल न्यायालय को सूचित करेगें तो कोर्ट जरूर उनके मामले को सुनेगा और कार्यवाई के लिए आदेश देगा। दूसरा प्रकरण पुलिस से सम्बन्धित है तो इसके लिए ये सक्षम अधिकारी के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।

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