महराजगंज थाना क्षेत्र के अशरफपुर बसारत पट्टी (बनगांवा) गांव निवासी 50 वर्षीय रणविजय सिंह खेती-बाड़ी कर परिवार की जीविका चलाते थे। परिवार के पास आमदनी का कोई दूसरा माध्यम नहीं है। बुधवार की देर शाम रणविजय खेत से लौटे और रात करीब 9 बजे परिवार के साथ भोजन किया। भोजन के कुछ देर बाद रणविजय यह कहकर घर से बाहर निकल गए कि थोड़ी देर में आ जाएंगे।
रणविजय जब आधी रात तक घर नहीं लौटे तो परिवार के लोगों ने मोबाइल पर फोन किया। फोन स्वीच आफ मिलने पर लोगों की चिंता बढ़ गयी और पास पड़ोस के लोगों के साथ तलाश में निकल गए। लोगों ने घंटों तक प्रयास किया लेकिन कहीं रणविजय का कोई सुराग नहीं मिला। मजबूर होकर लोग घर लौट आए।
गुरुवार की भोर में परिवार के लोग फिर उनकी तलाश में निकलने वाले थे कि इससे पहले ही दैनिक क्रिया से निवृत्त होने सड़क किनारे गए ग्रामीणों ने रणविजय का शव सड़क किनारे पड़े होने की सूचना दी। मौत की सूचना से परिवार में कोहराम मच गया। मृतक की पत्नी राधिका सिंह और पुत्र प्रवेश सिंह गोलू घटना स्थल पर पहुंचे। मृतक के शरीर पर कई जगह चोट का निशान था।
चेहरा रगड़ खाने के कारण विभत्स हो गया था। स्थानीय लोगों की सूचना पर थोड़ी देर में पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी। पुलिस ने शव को प्रोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। खास बात है कि रणविजय की हत्या घर से मात्र 500 मीटर की दूरी पर की गयी लेकिन किसी को इनकी भनक तक नहीं लगी। परिवार के लोग हत्या का कारण पुरानी रंजिश बता रहे हैं।
मृतक के पुत्र गोलू का आरोप है कि गांव के प्रधान व कुछ लोगों से हमारे परिवार की रंजिश थी। उक्त मामले में सुलह समझौते के लिए प्रधान ने अपने घर बुलाया था। रात लगभग 9.30 बजे रणविजय प्रधान के घर पहुंचे तो उनकी हत्या कर शव सड़क किनारे फेंकवा दिया। गोलू की तहरीर पर पुलिस ने ग्राम प्रधान हरिओम निषाद, अरविंद निषाद, ओम प्रकाश निषाद, व रामदयाल निषाद के विरुद्ध नामजद मुकदमा पंजीकृत किया है।
उल्लेखनीय है कि गत 22 अगस्त को ग्राम प्रधान हरिओम निषाद द्वारा गांव में पंचायत भवन के निर्माण के दौरान हुए विवाद को लेकर मृतक के चचेरे भाई अनिल सिंह, बबलू सिंह, बजरंग सिंह पुत्रगण उदयराज सिंह, सोनू सिंह पुत्र अनिल सिंह व बृजेश पटेल पुत्र रामबूझ निवासी बांसी जप्ती माफी थाना कप्तानगंज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। सभी आरोपी जेल भेजे गए थे जिसमें अनिल सिंह व सोनू सिंह की जमानत नहीं हुई है।