बता दें कि जिले में छुट्टा पशुओं का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सरकार ने निराश्रित पशुओं के लिए गोशाला बनवाया है लेकिन संबंधित अधिकारी कर्मचारी पशुओं को गोशाला पहुंचाने में कोई रूचि नहीं ले रहे है। हालत है कि पशु किसानों को तबाह कर रहे हैं। लालगंज तहसील क्षेत्र के कंजहित गांव निवासी सभाजीत मौर्य ने तहसील से लेकर ब्लाक तक शिकायत की लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गयी। इसके बाद उन्होंने मजबूर होकर अपनी फसल ही जोत दी।
सभाजीत मौर्या ने बताया कि छुट्टा पशुओं ने फसल को काफी क्षति पहुंचाई है। एक-दो बार नहीं मवेशी काई दफा फसल खा गए। उन्होंने हर बार शिकायत की लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। स्थिति यह हो गयी थी कि अब फसल से लागत का चैथाई भी उत्पादन की उम्मीद नहीं थी। त्रस्त होकर फसल को यह सोचकर ट्रैक्टर लगाकर जोतवा दिया कि अब और लागत लगाने से कोई फायदा नहीं होना है।
वहीं मार्टीनगंज के निकासीपुर के किसान अंमित सिंह, यूसुफपुर के पारस नाथ यादव आदि का कहना है कि पहले नीलगाय से थोड़ा बहुत नुकसान होता था लेकिन अब तो छुट्टा पशुओं ने जीना ***** कर दिया है। रात-रात भर फसल की रखवाली करनी पड़ रही है। इसके बाद भी मौका देख जानवर खेत में घुसकर फसल चट कर जा रहे हैं। शिकायत को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है।
BY Ran vijay singh