जिला कृषि अधिकारी डॉ. गगनदीप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजनान्तर्गत प्राकृतिक आपदाओं जैसे- सूखा, सूखे की अवधि, बाढ़, ओला, भूस्खलन, तूफान, चक्रवात, आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग एवं रोके न जा सकने वाले अन्य जोखिमों, रोगो/कृमियों से क्षति की स्थिति में बीमित फसल में नुकसान की क्षतिपूर्ति दी जाती है। जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्ग धान, मक्का एवं अरहर फसल आच्छादित है। खरीफ फसल की बीमित धनराशि का 2 प्रतिशत् का भुगतान कर कृषक द्वारा अपनी फसल का बीमा कराया जा सकता है। फसलवार बीमित धनराशि एवं प्रीमियम दर निर्धारित किया गया है।
इसके तहत धान के लिए बीमित धनराशि 62258 रुपया एवं प्रीमियम की धनराशि 1245 रुपया प्रति हेक्टेयर, मक्का के लिए बीमित धनराशि 33246 रुपया एवं प्रीमियम की धनराशि 665 रुपया प्रति हेक्टेयर, अरहर के लिए बीमित धनराशि 69078 रुपया एवं प्रीमियम की धनराशि 1381 रुपया प्रति हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि जनपद के समस्त ऋणी एवं गैर ऋणी कृषक फसलों का बीमा दिनांक 31 जुलाई 2022 के पूर्व करा लें। गैर ऋणी कृषक स्वैच्छिक आधार पर अपने निकटतम जन सेवा केन्द्र (सीएससी)/बैंक शाखा/बीमा कंपनी के अधिकृत ऐजेंट के माध्यम से अपनी अधिसूचित फसल (धान, मक्का एवं अरहर) का नियमानुसार प्रीमियम की धनराशि जमा कर बीमा करा सकते हैं। फसल बीमा कराने हेतु कृषक अपना आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, बैंक खाते का विवरण आदि अपने साथ रखे।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि जनपद के ऐसे कृषक भाई जिनका किसान क्रेडिट कार्ड बना है, वे कृषक यदि अपनी फसल का बीमा नही कराना चाहते है तो उन्हंे 24 जुलाई 2022 तक योजनान्तर्गत प्रतिभाग नही करने के सम्बन्ध में लिखित रूप से सम्बन्धित बैंक शाखा को अवगत कराना होगा, अन्यथा की स्थिति में बैंक द्वारा सम्बन्धित कृषक के फसल का बीमा करते हुए प्रीमियम की धनराशि की कटौती कर दी जायेगी।