मुआवजे की मांग पर अड़े किसान, कहा, नहीं मिला फोर लेन का रेट तो करेंगे आंदोलन
विभाग ने माइनर का निर्माण कार्य तो 70 फीसद पूरा कर लिया लेकिन कुछ ग्रामीणों ने अधिक मुआवजे की मांग को लेकर अड़ंगा लगाया

आजमगढ़. सिचाई विभाग कई साल बाद कैथीशंकरपुर माइनर में गई भूमि का मुआवजा देने की कवायद शुरू हुई तो किसानों ने उसमे मुआवजे का अड़ंगा लगा दिया। साथ ही माइनर के निर्माण से पूर्व भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने आवाज भी बुलंद कर दी। क्षेत्रीय किसानों ने भूमि की एवज में फोर लेन के रेट पर मुआवजा दिए जाने की मांग की है। मुआवजा मांग अनुसार नहीं मिलने पर उन्होंने आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी है।
कैथीशंकरपुर, महंगूपुर, अमेठी, उबारपुर पकड़ी, मिर्जापुर, टिकरी, हरईरामपुर व लखमीपुर सहित दर्जनों गांव में काफी समय से पानी की समस्या बनी हुई है। यहां खेतों की सिचाई के लिए न तो नहर की व्यवस्था है और न ही राजकीय नलकूप की। इससे यहां के खेत बंजर भूमि में तब्दील हो गए हैं। ग्रामीण लंबे समय से यहां माइनर की डिमांड कर रहे थे। जिसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने नई माइनर के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये का धन आवंटित किया। विभाग ने माइनर का निर्माण कार्य तो 70 फीसद पूरा कर लिया लेकिन कुछ ग्रामीणों ने अधिक मुआवजे की मांग को लेकर अड़ंगा लगा दिए हैं। ऐसे में निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है।
प्रभारी अधिशासी अभियंता शारदा सहायक खंड 23 अजय कुमार चौधरी का कहना है कि माइनर निर्माण में 70 फीसद कार्य पूरा हो गया है लेकिन कुछ किसानों द्वारा अधिक मुआवजे की मांग की जा रही है। इसके वजह से काम में बाधा आ रही है। जितना शासन से मुआवजा देने का प्राविधान है उतना ही दिया जाएगा।
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