scriptपूर्वाचल एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 53 गांवों के किसानों ने लिया ये फैसला | fifty three villagers given soil for build purvanchal express way | Patrika News

पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 53 गांवों के किसानों ने लिया ये फैसला

locationआजमगढ़Published: Jul 26, 2019 05:06:41 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

इंतजार है तो अब कार्यदायी संस्था यूपीडा से संबद्ध निर्माण इकाइयों द्वारा खनन प्लान प्रस्तुत करने का

up news

पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 53 गांवों के किसानों ने लिया ये फैसला

आजमगढ़. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के निमार्ण में आने वाले दिनों में और तेजी दिखेगी। अगस्त 2020 तक परियोजना को पूरा करने के लक्ष्य के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। इसे पूरा करने के लिए शासन व प्रशासन स्तर पर लगातार मॉनिटरिग की जा रही है। एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए वर्तमान में सबसे अधिक मिट्टी की जरूरत है। प्रशासन स्तर से इसका इंतजाम किया जा रहा है। सरकारी भूमि के बाद अब किसान भी अपनी भूमिधरी से मिट्टी देने को तैयार हो रहे हैं। 53 गांवों के किसानों ने एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए मिट्टी खनन का सहमति पत्र दे दिया है। इंतजार है तो अब कार्यदायी संस्था यूपीडा से संबद्ध निर्माण इकाइयों द्वारा खनन प्लान प्रस्तुत करने का।
जिले के 110 गांवों के किसानों की और सरकारी भूमि में सड़क का निर्माण चल रहा है। इसमें तहसील फूलपुर, निजामाबाद, सगड़ी व सदर क्षेत्र में पैकेज पांच, छह एवं सात शामिल है। निर्माण कार्य में भूमिधरी जमीन मालिकों से सहमति पत्र प्राप्त कर मिट्टी खनन की अनुमति के लिए निर्माण इकाइयों द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसकी संबंधित तहसीलों से एसडीएम की जांच आख्या भी आ गई लेकिन खनन प्लान नहीं प्रस्तुत किया गया। नतीजा अनुमति पत्र (अनुज्ञा पत्र) जारी नहीं हो पा रहा है। इसे संज्ञान में लेते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गुरुप्रसाद गुप्ता ने जारी पत्र में निर्देशित किया कि लगता है कि केवल औपचारिकतावश प्रार्थना पत्र दे दिया गया है। आवेदन पत्र में जिलाधिकारी द्वारा निर्गत चरित्र प्रमाण पत्र और संबंधित गाटा का भू-कर सर्वेक्षण मानचित्र भी नहीं लगाया गया है।


loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो