थिएटर अभ्यासों का है माध्यम
नामदेव ने कहा कि थिएटर अभ्यासों का माध्यम है। एक कलाकार जितना अधिक अभ्यास करेगा उतना ही निखरता जाएगा। कलाकार अभ्यास के दौरान हर दिन नया सीखता है। अभ्यास से वह इतना मजबूत हो जाता है कि उसकी जड़ों को कभी कोई हिला नहीं पाता।
नामदेव ने कहा कि थिएटर अभ्यासों का माध्यम है। एक कलाकार जितना अधिक अभ्यास करेगा उतना ही निखरता जाएगा। कलाकार अभ्यास के दौरान हर दिन नया सीखता है। अभ्यास से वह इतना मजबूत हो जाता है कि उसकी जड़ों को कभी कोई हिला नहीं पाता।
टैलेंट है आपका गॉड फादर
आज सिनेमा की दुनिया में गॉडफादर किसी को लोकप्रिय कलाकार नहीं बना सकता। अगर आप में टैलेंट है तो लोग पूछेंगे, पसंद करेंगे। टैलेंट ही आपका गॉडफादर है। किसी के टैलेंट को कोई छिपा भी नहीं सकता वह भीड़ में भी अलग दिखाई देगा। दिल्ली से मुंबई के तरफ अपने ऊपर विश्वास करके ही रूख किया था और आज आपके सामने हूं।
आज सिनेमा की दुनिया में गॉडफादर किसी को लोकप्रिय कलाकार नहीं बना सकता। अगर आप में टैलेंट है तो लोग पूछेंगे, पसंद करेंगे। टैलेंट ही आपका गॉडफादर है। किसी के टैलेंट को कोई छिपा भी नहीं सकता वह भीड़ में भी अलग दिखाई देगा। दिल्ली से मुंबई के तरफ अपने ऊपर विश्वास करके ही रूख किया था और आज आपके सामने हूं।
रियलिटी शो ने कलाकारों को दिलाई पहचान
नामदेव ने कहा कि समाज में छिपी प्रतिभा को रियलिटी शो ने समाज में पहचान दिलाई है। बहुत से कलाकार गांव देहात से निकलकर आज टीवी और फिल्मों की दुनिया में अच्छा काम कर रहे हैं।
नामदेव ने कहा कि समाज में छिपी प्रतिभा को रियलिटी शो ने समाज में पहचान दिलाई है। बहुत से कलाकार गांव देहात से निकलकर आज टीवी और फिल्मों की दुनिया में अच्छा काम कर रहे हैं।
रंग मंच से जुड़ा कलाकार कभी नहीं होता असफल
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक कलाकार जैसे तमाम अवार्ड से सम्मानित नामदेव ने कहा कि सागर से दिल्ली पहुंचने के बाद एनएसडी से जुड़ा और फिर एक दशक से अधिक समय तक रंगमंच की दुनिया में मैंने अपने को तराशा। रंगमंच से जुड़ा कलाकार फिल्मों में कभी असफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि नाना पाटेकर , नवाजुद्दीन सिद्दीकी , ओमपुरी नसरुद्दीन शाह, मनोज बाजपेई और मैं खुद इसके उदाहरण है।
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक कलाकार जैसे तमाम अवार्ड से सम्मानित नामदेव ने कहा कि सागर से दिल्ली पहुंचने के बाद एनएसडी से जुड़ा और फिर एक दशक से अधिक समय तक रंगमंच की दुनिया में मैंने अपने को तराशा। रंगमंच से जुड़ा कलाकार फिल्मों में कभी असफल नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि नाना पाटेकर , नवाजुद्दीन सिद्दीकी , ओमपुरी नसरुद्दीन शाह, मनोज बाजपेई और मैं खुद इसके उदाहरण है।
भोजपुरी फिल्म निर्माताओं को आत्ममंथन करने की जरूरत है
नामदेव ने कहा कि भोजपुरी बहुत मीठी भाषा है। भोजपुरी फिल्में भी लगातार बन रही हैं लेकिन कुछ को छोड़ दिया जाए तो फूहड़ता और अश्लीलता के कारण परिवार के साथ आज नहीं देखी जा सकती। आइटम सॉन्ग से फिल्में दर्शकों को थोड़े समय के लिए लुभा सकती हैं लेकिन हिट नहीं हो सकती।
नामदेव ने कहा कि भोजपुरी बहुत मीठी भाषा है। भोजपुरी फिल्में भी लगातार बन रही हैं लेकिन कुछ को छोड़ दिया जाए तो फूहड़ता और अश्लीलता के कारण परिवार के साथ आज नहीं देखी जा सकती। आइटम सॉन्ग से फिल्में दर्शकों को थोड़े समय के लिए लुभा सकती हैं लेकिन हिट नहीं हो सकती।
आजमगढ़ को रंगमंच से मिली एक अलग पहचान
नामदेव ने कहा कि आजमगढ़ के रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने इस जनपद को एक अलग पहचान दिलाई है। देश के बड़े मंचों पर आजमगढ़ के कलाकारों ने बहुतों को पीछे छोड़ा है। यहां रंगमंच से बहुत सारे युवा जुड़े हुए हैं यह बहुत ही सुखद है।
नामदेव ने कहा कि आजमगढ़ के रंगमंच से जुड़े कलाकारों ने इस जनपद को एक अलग पहचान दिलाई है। देश के बड़े मंचों पर आजमगढ़ के कलाकारों ने बहुतों को पीछे छोड़ा है। यहां रंगमंच से बहुत सारे युवा जुड़े हुए हैं यह बहुत ही सुखद है।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के पत्रकारिता विभाग के शिक्षक डॉक्टर दिग्विजय सिंह राठौर में बॉलीवुड कलाकार गोविंद नामदेव के फिल्मों एवं रंगमंच में योगदान पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर रंगकर्मी अभिषेक पंडित एवं ममता पंडित समेत तमाम जनपद के कलाकार मौजूद रह।