आयुक्त ने निरीक्षण के दौरान कोरंटाइन किए गए लोगों से एक एक कर बात की। इस दौरान एक व्यक्ति ने बताया कि वह छह-सात लोगों के साथ गैर प्रांत से निजी साधन से तीन-चार दिन पहले पहुंचे हैं लेकिन उन्हें खाद्यान्न किट्स नहीं प्राप्त हुए हैं। पूछताछ में उसने बताया कि वे लोग पहले सठियांव गए थे। वहां से अमिलो मुबारकपुर में कोरंटाइन किए गए लेकिन वे लोग नगर के शेल्टर होम कैसे पहुंच गए, यह नहीं बता पाए। जबकि उन लोगों को होम कोरंटाइन होना चाहिए था। यहीं नहीं उक्त लोगों ने स्क्रीनिग के संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दी। उस व्यक्ति द्वारा कई अन्य भ्रामक सूचनाएं दी गईं। अधिकारियों द्वारा पूछे जाने पर पाया गया कि उन लोगों द्वारा अपने आगमन के संबंध में न तो तहसील को अवगत कराया गया है और ही संबंधित थाने को कोई सूचना दी गई है। इस प्रकार उन लोगों द्वारा जहां भ्रामक सूचनाएं दी गई हैं।
वहीं महामारी अधिनियम का भी स्पष्ट उल्लंघन किया गया है। एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने उन लोगों के विरुद्ध धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज कराए जाने का निर्देश दिया। इस दौरान अपर आयुक्त प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएल यादव, एसडीएम रावेंद्र सिंह, तहसीलदार पवन कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी थे।