बता दें कि पिछले दिनों शासन द्वारा शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच एसटीएफ से कराई गयी थी। जांच में पूर्व माध्यमिक विद्यालय जमीन दसावं ब्लाक संसाधन केंद्र अतरौलिया के सहायक अध्यापक नंद लाल, प्राथमिक विद्यालय सीही सठियांव की नेहा शुक्ला, प्रमोद कुमार सिंह सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय पिछौरा, राजाराम सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय छीरीब्राह्मण, अजीत कुमार यादव, गोविंद पांडेय कंपोजिट विद्यालय फदगुदिया पवई, धीरज सिंह कश्यप सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय गोमाडीह ठेकमा, अविनाश प्रजापति सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय भटपुरवा पठकौली अतरौलिया, राजेश कुमार चौबे सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय राजापट्टी अहरौला व आशुतोष सिंह सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर साउथ विकास खंड तरवां फर्जी अभिलेख पर नौकरी करते पाए गए थे।
शिक्षकों के फर्जी मिलने का मामला एक साल पहले प्रकाश में आया था लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। बाद में शासन तक मामला पहुंचा तो जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। एसटीएफ की जांच में शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था। एसटीएफ जांच भी महीनों पहले पूरी हो गयी थी लेकिन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई अटकी हुई थी। हाल में मामला संज्ञान में आने के बाद महानिदेशक बेसिक शिक्षा विजय किरन आनंद ने विभाग को तत्काल कार्रवाई कर अवगत कराने का निर्देश दिया। इसके बाद इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गयी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार ने बताया कि सभी दस आरोपी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। दो शिक्षकों का मामला हाई कोर्ट में चल रहा है।