बता दें कि खाद्य पदार्थ के नाम पर जहर बेचने का कारोबार यहां लंबे समय से हो रहा है। तमाम सख्ती के बाद भी इस कारोबार पर नियंत्रण नहीं हो रहा। बुधवार को खाद्य संरक्षा मानक प्राधिकरण की सचल खाद्य जाँच प्रयोगशाला रानी की सराय बाजार में पहुंची तथा वहाँ पर कुल 15 मिठाईयो व अन्य खाद्य पदार्थों का नमूना लेकर जांच किया। इसमें कलाकंद में स्टार्च तथा लड्डू व सोनपापड़ी कृत्रिम रंग से रंगी हुई पाई गई। इसके बाद जांच टीम संजरपुर मार्केट पहुॅच कर वहां के खाद्य कारोबारकर्ताओं के खाद्य पदार्थों की जांच की। यहां अधिकतर खाद्य पदार्थ मानक के अनुरूप पाये गये।
टीम द्वारा कुल 59 नमूनें लिए गए जिसमें 21 नमूनें मानक के विपरीत पाए गए। जिन खाद्य कारोबारियों के खाद्य नमूनें फेल पाए गए अथवा उनमें कोई कमी पायी गयी, उसको सुधारने के लिए उनको जागरूक भी किया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार श्रीवास्तव ने खाद्य जाँच की विधि आमजनमानस को बताते हुए उन्हें खाद्य सुरक्षा के प्राविधानों के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि सचल खाद्य जॉच दल अगले 3 दिनों के लिए जनपद के विभिन्न तहसील क्षेत्रों में भ्रमण कर खाद्य पदार्थो की जांच करेगी। 28 जुलाई 2022 को मेंहनगर तथा लालगंज तहसील के बाजारों का भ्रमण कर खाद्य नमूनों की निःशुल्क जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि बुधवार को सचल खाद्य जॉच प्रयोगशाला को अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट से रवाना किया था। इसके बाद पूरे दिन अभियान चलाया गया। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक कुमार श्रीवास्तव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी राकेश कुमार शुक्ला, राम चन्द्र यादव, कीर्ति आनंद एवं अंकित कुमार सिंह इस दौरान जांच में शामिल रहे। उन्होंने बताया कि उनका यह अभियान निरंतर चलता रहेगा। इस दौरान लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।