मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी बदायू, कन्नौज, मैनपुरी से नेताजी मुलायम सिंह यादव पार्टी को यहां तक लाये लेकिन कन्नौज में अखिलेश की पत्नी हार गयी। सपा प्रत्याशी धर्मेन्द्र यादव बदायूं से हार गये तो वहीं आजमगढ़ रणनीति तय करने आये रामगोपाल यादव के पुत्र भी चुनाव हार गये। वहीं भाजपा परिवारवाद से हटकर अपने कार्यकर्ताओं को तरजीह देती है।
पूर्व विधायक ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग आजमगढ़ यहां पर लुटने या धोखा देने के लिए आये हैं। इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए पूर्व विधायक रामदर्शन यादव ने कहा कि अखिलेश यादव को क्या प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनना था जिसके लिए उन्होने इस सीट को छोड़ दिया। उनके छोड़ने के कारण ही लोगों को चुनाव का सामना करना पड़ा है। उन्होने कहा कि वे सांसद रहते हुए एक बार भी आजमगढ़ झांकने तक नहीं आये इसलिए उन्होने अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को बलि का बकारा बना दिया।
उन्होंने कहा कि आज जब इस चुनावी युद्ध में उनकी जरूरत है तो बाहर चले गये और आनन्द ले रहे है। वहीं भाई यहां अभिमन्यू सरीखे लड़ रहा है और उसे शहीद होना ही है। इस बार आजमगढ़ की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व सीएम योगी के जनकल्याणकारी योजनाओं, राष्ट्रवाद व विकास के नाम वोट देगी और भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनाव जीतकर संसद में पहुंचेगा।