बता दें कि दिसंबर 2016 में तत्कालीन सपा सरकार ने आजमगढ़ के महुला-गढ़वल बांध पर हाजीपुर खड़ेलिया-गोला बाजार के बीच पुल बनाने के लिए प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी। इसके लिए शासन से दो अरब, 28 करोड़, 75 लाख, 72 हजार रुपये स्वीकृत हुए। पुल के साथ ही सड़क निर्माण भी होना है। स्वीकृति होने के साथ ही 10 करोड़ रुपये अवमुक्त भी कर दिए गए। सेतु निगम व लोक निर्माण विभाग कार्यदायी एजेंसी है।
मार्च 2017 तक पुल के सर्वेक्षण कार्य पूरा कर पुल की डिजाइन फाइनल कर दी गई। पुल की लंबाई सवा किमी होगी। इसमें कुल 26 खंभे होंगे। बीजेपी सरकार आने के बाद वित्तीय वर्ष 2017-18 में पुल के सभी खंभों का सीमांकन कर दिया गया। दोनों ओर से अप्रोच की सीमा निर्धारित कर दी गई। खंभों की ढलाई शुरू कर दी गई है।
अब तक 14 खंभे ढालकर ऊपर तक पहुंचा दिए गए हैं। अब बरसात के दिनों में भी इस पर काम किया जा सकता है। अन्य खंभों के खोदाई व ढलाई की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल माह में पुल निर्माण के लिए धन मिल गया और मौसम ने साथ दिया तो नदी पार आजमगढ़ की ओर के कुल 14 खंभे ढाल दिए गए हैं शेष खंभों की ढलाई तेजी से चल रही है। दावा है कि निर्माण निर्धारित समय में हो जाएगा। ऐसा होता है तो वर्षो बाद यह पहला प्रोजेक्ट होगा जो समय से पूरा होगा। ऐसा हुआ तो आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी। कारण कि इससे आजमगढ़ से गोरखपुर की दूरी करीब 28 किमी कम हो जाएगी।
By Ran Vijay Singh