प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान यानि पीएम-कुसुम योजना
(PM KUSUM Yojna) के तहत विभिन्न क्षमताओं के सोलर पम्प लगाए जाएंगे। किसानों को कृषक अंश का बैंक ड्राफ्ट संबंधित संस्था के नाम से न बनवाकर अपर नोडल अधिकारी (पीएम केएसवाई) एवं वरिष्ठ सम्प्रेक्षा अधिकारी, इलाहाबाद बैंक, कृषि भवन शाखा पेएबल ऐट लखनऊ के नाम से बनवाकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
प्रभारी उप कृषि निदेशक डाॅ. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया है कि 1800 वाट (2 एचपी) के 03 डीसी सरफेस सोलर पम्प का मूल्य 123605 रूपये निर्धारित है, जिसमें 74163 रूपये (60 प्रतिशत) अनुदान तथा 49442 रूपये (40 प्रतिशत) कृषक अंश होगा। यानि कि किसानों को 49442 रूपये का भुगतान करना होगा। 3000 वाट (3 एचपी) के 30 डीसी सबमर्सिबल सोलर पम्प का मूल्य 169370 रूपये निर्धारित है, जिसमें 101622 रूपये (60 प्रतिशत) कुल अनुदान तथा 67748 रूपये (40 प्रतिशत) कृषक अंश है तथा 3000 वाट (3 एचपी) के 12 एसी सबमर्सिबल सोलर पम्प हेतु 165558 रूपये निर्धारित है, जिसमें 99335 रूपये (60 प्रतिशत) कुल अनुदान तथा 66223 रूपये (40 प्रतिशत) कृषक अंश है, जो अपर नोडल अधिकारी (पीएम केएसवाई) एवं वरिष्ठ सम्प्रेक्षा अधिकारी, इलाहाबाद बैंक, कृषि भवन शाखा पेएबल ऐट लखनऊ के पक्ष में कृषक अंश की धनराशि का बैंक ड्राफ्ट बनवाना है।
योजना का लाभ पाने के लिए इच्छुक कृषक विभागीय बेवसाइट www.upagriculture.com पर ऑनलाइन मांग कर सकते है। मांग के समय 2, 3 एवं 5 हार्स पावर का विकल्प देना होगा। 2 एचपी सरफेस सोलर पम्प हेतु जल स्तर की गहराई 22 फिट तक एवं बोरिंग 4 इंच, 3 एवं 5 एचपी समरसेबिल सोलर पम्प हेतु जल स्तर की गहराई 200 फिट तक एवं बोरिंग 6 इंच व्यास का होना चाहिए। पम्प विद्युत संचालित नही होना चाहिए।
इच्छुक पात्र कृषक सम्बन्धित फर्म के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट बनाकर मूल प्रति सिधारी स्थित कृषि विभाग कार्यालय में जमा करें। कृषकों का चयन लक्ष्यानुसार पहले बैंक ड्राफ्ट लाओ-पहले सोलर पम्प पाओ के आधार पर किया जायेगा। किसी भी दशा में लक्ष्य से अधिक बैंक ड्राफ्ट स्वीकार नहीं किया जायेगा।
उप कृषि निदेशक द्वारा उपयुक्त क्रियाशील बोरिंग, विद्युत कनेक्शन एवं जल स्तर का सत्यापन कराया जायेगा। उपयुक्त बोरिंग, जल स्तर आदि न होने पर कृषकों का चयन निरस्त कर दिया जायेगा। अतिदोहित/क्रिटिकल क्षेत्रों (पल्हनी एवं सठियांव) में सोलर पम्प की स्थापना हेतु कृषकों का चयन नही किया जायेगा, लेकिन इस क्षेत्र में उपलब्ध डीजल पम्प को सूक्ष्म तकनीक से पानी की बचत हेतु सोलर पम्प से परिवर्तित किया जायेगा।
BY Ran vijay singh