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आमदनी बढ़ानी है तो गेंदा की खेती करें किसान, सरकार देगी अनुदान

locationआजमगढ़Published: Oct 28, 2018 02:24:21 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

किसान गेंदा फूल की खेती कर आय में वृद्धि कर सकते हैं

Marigold

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आजमगढ. फूल कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें लखनऊ व वाराणसी से गेंदा का फूल मंगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। योगी सरकार ने जिले के किसानों की आय दूनी करने के क्रम में फूल की खेती को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। किसान गेंदा फूल की खेती कर आय में वृद्धि कर सकते हैं। इससे समय और अतिरिक्त धन का खर्च भी बचेगा। मसालों व फूलों की खेती करने वाले किसानों को जिला उद्यान विभाग प्रोत्साहित करेगा। ‘प्रथम आवक, प्रथम पावक’ के आधार पर अनुदान दिया जाएगा।
जनपद में फूलों की खेती कम होती है। जबकि जनपद की मांग पूर्ति के लिए फूल व्यवसायी लखनऊ व वाराणसी से फूल मंगाते हैं। इसलिए लहसुन व प्याज के साथ गेंदा फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को आनलाइन पंजीयन कराना होगा। शासन ने गेंदा फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत चार हेक्टेयर क्षेत्रफल में अनुसूचित जाति के लिए भौतिक लक्ष्य निर्धारित है। जबकि एससीपी (स्पेशल कंपोनेंट प्लान) अंतर्गत एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में भौतिक लक्ष्य निर्धारित है। इसमें किसानों को स्वयं किसी पंजीकृत संस्था या फर्म से उन्नतशील प्रजाति के बीज एवं बायो फर्टिलाइजर, पेस्टी साइड्स, नीम खली आदि क्रय कर समय से बिल-बाउचर कार्यालय में उपलब्ध कराना होगा जिससे अनुमन्य अनुदान की धनराशि उनके बैंक खाते में डीबीटी की सके। लहसुन व प्याज के क्रमशः यमुना प्रजाति एवं लाइट रेड प्रजाति के एनएचआरडीएफ से क्रय किए गए बीजों को किसानों में मुफ्त वितरित किया जाएगा। इसके लिए किसानों को आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए किसान के पास 0.1 हेक्टेयर जमीन की खतौनी होना आवश्यक होगा। किसान विगत तीन वर्षों का लाभार्थी न हो।
जिला उद्यान अधिकारी अधिकारी का कहना है कि योजना के अंतर्गत गेंदा फूल के अलावा लहसुन व प्याज की खेती के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। जल्द से जल्द किसान पंजीकरण करा लें जिससे उन्हें योजना का लाभ मिल सके। निर्धारित प्रक्रिया के तहत बीज खरीदने पर किसानों खाते में डीबीटी के माध्यम से धनराशि भेज दी जाएगी।
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