बता दें कि टोल प्लाजा पर आफ लाइन यानी नगदी टोल टैक्स जमा करने में समय लगाता है जिसके कारण यहां लंबी कतारे लग जाती है। परिणाम होता है कि नेशनल हाइवे पर भी जाम लग जाता है और यात्रा में देरी होती है। वहीं दूसरी तरफ टोल टैक्स की चोरी भी होती है। ऐसे में शासन ने यह ऑनलाइन टोल टैक्स को बढ़ावा देने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस व्यवस्था के लागू होने से न केवल जाम की समस्या से निजात मिलेगी बल्कि वाहनों की रफ्तार भी 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।
शासन ने निर्देश जारी निर्देश के मुताबिक अब नए वाहनों की बिक्री फास्टैग के बगैर नहीं होगी। वाहन के विंडस्क्रीन पर निर्माता कंपनी अथवा डीलर को फास्टैग लगाना होगा। तभी वाहन शोरूम से बाहर जाएगा। सरकार ने इस नियम को सख्ती से पालन करने के लिए अधिसूचना जारी की है। नए नियम का पालन न करने पर कार्रवाई की जाएगी। खासबात है कि अब नए वाहन का बिना फास्टैग के पंजीकरण ही नहीं किया जाएगा। वहीं पुराने वाहनों पर भी फास्टैग लगवाना होगा। अगर लोग फास्टैग नहीं लगवाते हैं तो उनके वाहन को फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं जारी होगा। बिना फिटनेस अथवा पंजीकरण के कोई भी वाहन सड़क पर नहीं दौड़ पाएगा।
संभागीय परिवहन अधिकारी डा. आरएन चैधरी का कहना है कि ऑनलाइन टोल टैक्स व्यवस्था से राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की औसत रफ्तार 30 फीसद तक बढ़ जाती है। इससे प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतारें नहीं लगती है। जाम नहीं लगने से लोगों का समय बर्बाद नहीं होता है। वहीं कम ईंधन फुंकने से प्रदूषण का स्तर कम होता है। सरकार की यह व्यवस्था काफी महत्वपूर्ण है। इसका कड़ाई से पालन किया जाएगा।