ऐसा लगा मानों श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा हो। प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा को फूलों की लड़ियों और झालरों से सजाया गया था। सुबह 8.30 बजे श्री सुखमणि साहिब जी पाठ के साथ दिन की शुरुआत हुई। इसी के साथ 10 बजे से 10.30 बजे तक श्री सहज पाठ साहिब जी द्वारा समाप्ति की गई। उसके बाद भाई नरेंद्र सिंह जी हजूरी रागी गुरुद्वारा गुरु बाग वाराणसी, जसवीर सिंह सोनी वाराणसी ने अपनी टीम के साथ लोगों को कीर्तनों से निहाल किया। संगतों ने गुरु महाराज की सजी पालकी में रखे गुरु ग्रंथ साहिब के दरबार में अपनी हाजिरी लगाने के साथ कीर्तन दरबार में हाजिरी लगाई। कीर्तन समाप्ति के बाद अरदास व कड़ा प्रसाद का वितरण हुआ।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से आए सामाजिक संगठनों, साहित्यकारों, पत्रकारों को गुरुद्वारा की ओर से सम्मानित किया गया। सभी को सर्टिफिकेट के साथ गुरु घर के प्रतीक चिह्न, सरोपा भेंट किया गया। इस अवसर पर यूनियन बैंक के उप महाप्रबंधक मुकेश भारती, सेवादार जगदीश सिंह सलूजा, रमनदीप सिंह, गुरुप्रीत सिंह, सूरज सिंह, राजू, गुरविदर सिंह, राजेंद्र सिंह, लखविदर सिंह आदि ने सेवा में हिस्सा लिया। प्रकाश उत्सव में आई हुई संगतों का जत्थेदार बाबा सतनाम सिंह ने आभार व्यक्त किया। पूरे कार्यक्रम के दौरान जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के साथ ही वाहे गुरु वाहे गुरु के नारों से लंगर हॉल से लेकर दीवान हाल तक गूंजता रहा। दोपहर एक बजे से चलने वाला लंगर देर शाम तक अटूट चलता रहा। लोग लंगर में शामिल होने के बाद जो बोले सो निहाल के नारे लगाते अपने अपने गंतव्य स्थान को रवाना हुए।
By Ran Vijay Singh