मुबारकपुर थाना क्षेत्र के स्थानीय कस्बा के हैदराबाद मुहल्ला निवासी विष्णु मोदनवाल पैर से दिव्यांग है। 28 अक्तूबर की रात वह दवा लेकर घर लौट रहा था। उसी दौरान पुलिस नगर पालिका के पास पुलिस चेकिंग कर रही थी। पुलिस ने विष्णु को रोक लिया जब विष्णु ने रोकने का कारण पूछा तो उसकी पिटाई शुरू कर दी गयी। इतना ही नहीं दिव्यांग को घसीटते हुए चैकी पर ले गए। वहां भी उसकी पिटाई की गई। घंटे भर उसे चैकी पर बैठाये रखा गया।
जब घंटों बाद पुलिस ने उठे छोड़ा तो दिव्यांग घर पहुंचा और लोगों को शरीर पर लगी चोट दिखया। जिसका किसी ने वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद मुबारकपुर पुलिस सकते में आ गई और आनन-फानन में कुछ लोगों के सोशल नेटवर्किंग साइटों से उसे डिलीट भी करवाया गया। इतना ही नहीं दिव्यांग को थाने पर बुला कर समझौता पत्र भी लिखवा लिया गया।
इस बीच वायरल वीडियो को देख कर एक सोशल एक्टिविस्ट फहीम ने इसकी शिकायत सीएम व आजमगढ़ पुलिस के ट्विटर पर कर दी। इसके साथ ही उच्चाधिकारियों को भी घटना की जानकारी दी। मामला तूल पकड़ता दिखा तो पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच सीओ सिटी को सौंप दी।
यही नहीं चैकी प्रभारी मुबारकपुर कमलनयन दूबे ने पिटाई से घायल दिव्यांग को मानसिक रोगी बता दिया, जबकि युवक के परिजनों का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है। पुलिस की पिटाई से घायल युवक मानसिक रोगी नहीं है बल्कि पैर से दिव्यांग है। यही नहीं उच्चाधिकारी भी मामले की लीपापोती में जुटे हुए हैं। अपर पुलिस अधीक्षक नगर पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि वीडियो हमने देखा नहीं है। शिकायत मिली थी उसकी जांच करायी जा रही है। खास बात है कि वीडियो आजमगढ़ पुलिस के ट्वीटर एकाउंट पर भी ट्वीट की गयी है।
BY Ran vijay singh