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किसान कैसे बचाएं अपना गेंहू, उपर से बरस रही आफत, क्रय केंद्र पर मची है लूट

locationआजमगढ़Published: May 28, 2021 01:17:40 pm

जिले में 24 घंटे से लगातार हो रही बरसात ने किसानों का सुकून छीन लिया है। बरसात किसानों के लिए आफत से कम नहीं हैं। बेचने के लिए रखा गया गेंहू भीगकर खराब हो रहा है। वहीं क्रय केंद्र पर प्रभारी किसानों से खरीद के बचाय बिचैलियों सेे गलबहियां कर रहे है। उनका गेंहू खरीद रिकार्ड खरीदारी दिखाई जा रही है।

बरसात में बाहर पड़ा गेंहू।

बरसात में बाहर पड़ा गेंहू।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. टाक्टे के बाद अब यास तूफान कहर बरपा रहा है। तूफान के असर के चलते जिले में होे रही झमाझम बरसात ने किसानों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 18 मई को हुई बरसात में भीगे गेंहू को अभी किसान सुखा भी नहीं पाया था कि बरसात में वह दुबारा भीग गया। अब गेंहू के सड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है। पहले बिचैलियोें के चक्कर में धान की खरीद नहीं हो रही थी अब बारिश के बहाने किसानों को दौड़ाया जा रहा है। हालात बदतर होते जा रहे हैं। किसानों की सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है।

बता दें कि रबी के सीजन में बरसात न होने सेे इस बार गेंहू का उत्पादन प्रभावित हुआ है। किसान जहां 7 से 8 कुंतल प्रति बीघा गेंहू का उत्पादन करता था इस बार सिर्फ 5 से 6 कुंतल उत्पादन हुआ है। गेंहू पतला होने से भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। एक तरह कोराना की मार तो दूसरी तरफ कम उत्पादन से किसान परेशान है। उसके लिए खरीफ की तैयारी व अन्य जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है। उपर से गेंहू खरीद में खुलेआम मनमानी ने किसानों की मुश्किल बढ़ा दी है।

तमाम किसानों का गेंहू खलिहान या घर के सामने अथवा क्रय केंद्र के सामने पड़ा है। ट्राली में लदकर खड़े गेंहू की तौल न होने से किसान को अतिरिक्त किराया भी देना पड़ रहा है। 18 मई को हुई बारिश में भीगे गेंहू को किसानों ने किसी तरह सुखाकर ठीक किया था। अब 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने फिर किसानों की मुस्किल बढ़ा दी है। भोर में एकाएक मौसम बदलने और बरसात शुरू होने के कारण किसानों को गेंहू सुरक्षित करने अथवा ढकने का मौका तक नहीं मिला। जब तक लोग पालीथीन आदि से गेंहू ढकते वह भीग चुका था। इससे गेंहू के सड़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

किसान नरेंद्र गुप्ता, आशा, नन्हें सिंह, सीताराम आदि का कहना है कि धान के सीजन में कटौती के नाम पर किसानों को परेशान किया गया। अब क्रय केंद्र पर अधिक काम का बहाना कर तौल नहीं की जा रही है। कारण कि उन्हें पता है कि गेंहू में वे कटौती नहीं कर सकते। किसानों की ट्राली क्रय केंद्र पर खड़ी है और बिचैलियों का गेंहूं सीधे गोदाम तक पहुंच रहा है। उन्हें क्रय केंद्र से बोरा तक मुहैया करा दिया जा रहा है। बिचैलियों गांवों में जाकर किसानों से 1600 से 1650 रुपये कुंतल गेंहू खरीदकर किसानों के नाम पर ही क्रय केंद्र पर बेंच रहे हैं। वहीं क्रय कें पर तैनात कर्मचारी संसाधनों के आभाव का रोना रो रहे हैं। कवरा गहनी क्रय केंद्र के प्रभारी का कहना है कि पल्लेदार की समस्या है। हम क्या कर सकते है। जबकि इस बार इन्हें खाद्यान्न की निकासी से भी मुक्ति दे दी गयी है।

BY Ran vijay singh

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