मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा कानपुर और इटावा स्टेशन के बीच हुआ। जब मानव रहित रेलवे क्रासिंग पार करती कैफियत एक्सप्रेस डम्पर से जा टकराई। हादसे के बाद रेल मंत्री ने घटना पर दुख जताया है कहा है कि जो घायल हैं उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया और मौके पर एनडीआरएस की टीम भेजी गई है। हादसे में कई को गंभीर चोटें आई हैं।
2015 से 2017 तक हुए ये रेल हादसे
इससे पहले 19 अगस्त की रात को मुज़फ्फ़रनगर के खतौली के पास हुए कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 21 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हुए थे।
इससे पहले 19 अगस्त की रात को मुज़फ्फ़रनगर के खतौली के पास हुए कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 21 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई घायल हुए थे।
22 जनवरी 2017: आंध्रप्रदेश के विजयनगरम ज़िले में हीराखंड एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतरने की वजह से क़रीब 39 लोग मारे गए।
20 नवंबर 2016: कानपुर के पास पुखरायां में एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसमें कम से कम 150 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई। पटना-इंदौर एक्सप्रेस के 14 कोच पटरी से उतर गए थे।
20 मार्च, 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। इस हादसे में 34 लोग मारे गए थे। 07 जुलाई 2011: उत्तर प्रदेश में ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई।
21 अक्तूबर, 2009: उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आख़िरी बोगी से टकरा गया। इस घटना में 22 मारे गए जबकि 23 अन्य घायल हुए।