बता दें कि कृषि कानून के विरोध में आंदोलित किसानों ने आज रेल रोकों आंदोलन का अह्वान किया था। इसे देखते हुए पुलिस सुबह से ही सर्तक थी। आजमगढ़ रेलवे स्टेशन के साथ ही सठियांव, रानी की सराय, सरायमीर, दीदारगंज, खुरासन रोड रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किए गए थ।
जिला मुख्यालय स्थित रेलेवे स्टेशन को तो पूरी तरह सुरक्षा घेरे में ले लिया गया था। पुलिस के साथ मौके पर क्यूआरटी तैनात की गयी थी। खुद सीओ सिटी स्थिति पर नजर गड़ाए हुए थे लेकिन इस आंदोलन का आजमगढ़ में कोई असर नहीं किया। कहीं भी किसान रेल रोकने का न तो प्रयास किये और ना ही स्टेशन पर पहुंचे। इससे पुलिस ने राहत की सांस ली।
उत्तर प्रदेश किसान सभा द्वारा जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन जरूर किया गया। जिलाधिकारी के माध्यम से चार सूत्रीय मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजकर तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की।
जिलाध्यक्ष कमला राय ने कहा कि देश के किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पिछले ढाई महीनों से दिल्ली में आंदोलन कर रहे है लेकिन केन्द्र सरकार अपने हठधर्मिता के आगे उनकी नहीं सुन रही है। यह सरकार किसानों के हित के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह काला कानून बनाई है।
BY Ran vijay singh