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पुण्यतिथि विशेष: अटल बिहारी वाजपेयी का सबसे करीबी था यूपी का यह शख्स, जब तक जिंदा रहे तब तक करता उनकी सेवा

locationआजमगढ़Published: Aug 16, 2019 10:57:25 am

Submitted by:

sarveshwari Mishra

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि

Atal Bihari vajpayee

Atal Bihari vajpayee

आजमगढ़. पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी की आज शुक्रवार 16 अगस्त को पहली पुण्यतिथि है। पिछले वर्ष 16 अगस्त की शाम 5.05 बजे यह दुनिया छोड़ कर चले गए थे। अटल बिहारी बाजपेयी विशाल व्यक्तित्व के थे। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी ने एक पत्रकार, कवि, और राजनेता के रूप में अपना लोहा मनवाया था । अटल बिहारी वाजपेयी जी का यूपी के आजमगढ़ से गहरा नाता था। आजमगढ़ जिले की एक ऐसी सख्शियत है जो पिछले कई दशकों से लेकर अटल जी के जीवित रहने तक उनकी सेवा करता रहा।
हमेशा करता रहा अटल जी की सेवा
कम ही लोग जानते होंगे कि अटल जी का सबसे करीबी भी आजमगढ़ का ही रहने वाला है और उनके अच्छे और बुरे दिन का साथी रहा है। जब अटल बिहारी वाजपेयी बिस्तर पर थे तब भी वह उनके साथ रहा। यह कोई और नहीं बल्कि आजमपुर गांव निवासी जय प्रकाश मौर्य हैं। जय प्रकाश मौर्य पिछले कई दशक से अटल जी के साथ थे। यह अटल बिहारी वाजपेयी जब तक जिंदा रहे तब तक उनकी सेवा करते रहे। कहते हैं कि अटल जी का सारा निजी कार्य उनके सेवक के रुप में जय प्रकाश ही देखते थे। अटल जी के समय ही उन्हें पीएमओ में नौकरी भी मिली थी। जब अटल जी बीमार थे और बेड से नहीं उठ रहे थे उस समय जय प्रकाश मौर्य उनके निजी सेवक के रूप में उनका कार्य भार भी सम्भाला था।
अटल जी ने दो बार की थी आजमगढ़ की यात्रा
अपने राजनीतिक जीवन में अटल जी ने दो बार आजमगढ़ की यात्रा की थी। एक बार वर्ष 1984-85 में और फिर 1989-90 में। वर्ष 1989-90 की अटल की यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक मानी जाती है। अटल जी वाराणसी से आजमगढ़ आये थे। वे वर्षों बाद किसी रैली में घंटों देरी से पहुंचे थे। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी को देखने के लिए दलीय सीमा टूटी थी और पूरे आजमगढ़ शहर में तिल रखने की जगह नहीं थी। अटल जी ने अपने भाषण में कहा था कि उनकी उम्र बढ़ गयी है। वाराणसी से आजमगढ़ आते हुए यह नहीं समझ पाये कि सड़क गड्ढे में है या गड्ढे में सड़क। अटल जी का यह जुमला आज भी लोगों की जुबान पर है।
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