आजमगढ़Published: Dec 07, 2021 11:10:20 am
Ranvijay Singh
UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता अजीत राय की हत्या को मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है। सीएम योगी हर सभा में अजीत हत्याकांड की याद दिला रहे है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि डेढ़ दशक बाद अजीत की याद क्यों आ रही है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह बीजेपी का बड़ा चुनावी दाव है। जो सिर्फ सपा नहीं बल्कि पूरे विपक्ष की मुश्किल बढ़ा सकता है।
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. यूपी विधानसभा चुनाव में चंद महीने शेष है। चुनाव से पहले राजनीतिक दल मतदाताओं को साधने में जुटे हैं। वहीं सरकार योजनाओं के जरिये मतदाताओं के दिल में उतरने की कोशिश कर रही है। इन सब के बीच डेढ़ दशक पहले जिले के शिब्ली नेशनल कालेज में वंदेमतरम विवाद को लेकर हुई एबीवीपी नेता अजीत राय की हत्या का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। सीएम हर सभा में अजीत को याद कर रहे है। इसे बीजेपी का बड़ा दाव माना जा रहा है। अजीत के जरिए जहां बीजेपी भूमिहारों को साधने की कोशिश कर रही है वहीं बड़े ही आसानी से चुनाव की दिशा को राष्ट्रवाद की तरफ मोड़ रही है। वैसे भी जिले में क्षत्रिय और भूमिहारों का झगड़ा वर्षो पुराना है जिसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ता है। अजीत के बहाने ही सही अगर भूमिहार बीजेपी के साथ खड़ा हुआ तो पूरे विपक्ष की मुश्किल बढ़ जाएगी।