वहीं पूर्व सांसद का आरोप है कि बंटवारे का मुकदमा विचाराधीन है, इसके बाद भी विवादित भूमि के हरे पेड़ काटे गए। उन्होंने कोई जेसीबी नहीं चलवाई। पुलिस ने इस मामले में एक पक्ष के लोगों का शांतिभंग की धारा में चलान कर दिया। एकतरफा कार्रवाई से यह मामला और तूल पकड़ लिया है।
बता दें कि बिलरियागंज थाना क्षेत्र के मानपुर पटवध निवासी कुसुम राय अटल जी के करीबी मित्र महातम राय की पुत्री है। अटल जी के कहने पर ही कुसुम को कभी कल्याण सिंह की सरकार में जगह मिली थी। बाद में उन्हें राज्यसभा सदस्य भी बनाया गया। कुसुम राय भाजपा महिला मोर्चा में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुकी हैं। पूर्व सांसद दो दिन से अपने गृह जनपद में हैं।
कुसुम राय के पट्टीदार आनंद राय, अंजली राय व माया राय का आरोप है कि सत्ता का दुरूपयोग कर पूर्व सांसद ने उनका निर्माणाधीन मकान जेसीबी से गिरवा दिया। आनंद राय का कहना है कि वे कमजोर और कैंसर से पीड़ित है। पुराना मकान बारिश में गिर गया था। इसके बाद उन्होंने पूर्व सांसद से बात की और बगल की जमीन पर भवन का निर्माण करा रहे थे।
इसी बीच कुसुम राय अपने भाई भतीजों तथा अन्य गोलबंद लोगो के साथ आकर निर्माण रोक दिया। जिसकी फरियाद लेकर वह एसडीएम सगड़ी के पास गया और एसडीएम ने 23 सितंबर दोनां पक्षों को सुनने की तारीख नियत की। इसी बीच 21 सितंबर को सत्ता का दुरुपयोग कर पूर्व सांसद ने थानाध्यक्ष बिलरियागंज पर दबाव बनाकर धारा 151 मे सिर्फ एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए शांतिभंग में उनके लोगोंका चालान करा दिया। जबकि शातिभंग मे द्विपक्षीय कार्रवाई का नियम है। अभी वे लोग जमानत कराकर लौटे ही थे कि पूर्व सांसद ने 22 सितबंर की रात पुलिस बल एवं अपने दबंग साथियों की मदद से जेसीबी से दीवार ढहवा दिया। जनपद स्तर पर न्याय न मिलने पर पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा है।
वहीं पूर्व सांसद कुसुम राय का कहना है कि भूमि विवादित है, दोनों पक्षों में बंटवारा का मुकदमा चल रहा है। पहले उन लोगों ने पेड़ को काटकर अपराध किया फिर अवैध रूप से निर्माण कराया जा रहा था। लखनऊ में जानकारी मिलने पर उन्होंने प्रशासन से कहा तो प्रशासन ने रुकवा दिया। जेसीबी से गिराने का कोई प्रमाण है तो बताए।
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कहना है कि पुलिस पर सत्ता का कोई दबाव नहीं है। बंटवारे का मुकदमा चल रहा है। जो फैसला आयेगा उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। BY- RANVIJAY SINGH