आजमगढ़

चुनाव में मिली हार तो नेता बन गया भोजपुरी फिल्मों का स्टार

एक दिसंबर को रिलीज होगी फिल्म

आजमगढ़Nov 13, 2017 / 06:04 pm

Sunil Yadav

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आजमगढ़. पार्षद का चुनाव हारने के बाद भोजपुरी फिल्मों की ओर रुख कर चुके सत्येंद्र सिंह की अगली फिल्म ‘ द पावर ऑफ दहशत’ एक दिसंबर को रिलीज हो रही है। फिल्म की कहानी आजमगढ़ में दो दशक पहले सफेदपोश आतंक पर आधारित है। फिल्म में सत्येंद्र के साथ उनकी सहयोगी कलाकार के तौर पर प्रियंका पंडित है। फिल्म की खास बात यह कि इसकी सूटिंग आजमगढ़ में ही हुई है।
 

एक दिसंबर को रिलीज हो रही भोजपुरी फि‍ल्म ‘द पावर ऑफ दहशत’ के अभिनेता सत्येंद्र सिंह ने पत्रिका से बातचीत में अपने जीवन और फिल्म से जुड़ी दिलचस्प बाते शेयर की। फिल्म कि सूटिंग का जिक्र करते हुए सत्येंद्र सिंह कहते है कि ठंड का मौसम था हमें रात में बारिश में भीगते हुए सीन शूट करना था। प्रियंका ने शूट करने से यह करते हुए मना कर दिया कि वह इस कड़ाके की ठंड़ में ऐंठ जाएगी। इसके बाद सभी लोग परेशान हो गए। फिर आग की व्यवस्था की गई जिसके बाद सीन शूट हुआ। फिल्म में एसएसपी की भूमिका में नजर आने वाले सतेंद्र सिंह कहते है कि रोल को लेकर मैंने एक पुलिस अधिकारी के साथ तीन महीने रहकर पुलिस अधिकारियों के तौर-तरीके सीखे। शूटिंग देखने आजमगढ़ के पुलिस अधिकारी भी आया करते थे। एक बार एसएसपी शूटिंग देखने आए और मुझे वर्दी में देख कहा, आप तो बुल्कुल असली एसएसपी लग रहे है।
 

गलती से विलेन को दे दिए गए करंट के शॉक


सत्येंद्र ने बताया, एक सीन में मुझे विलेन को गोली मारना था, जिसके बाद खून बहते विलेन को जमीन पर गिरकर तड़पना था। इसके लिए विलेन के शर्ट के अंदर लाल रंग भरे गुब्बारे सेट किए गए थे, जिसको फोड़ने के लिए बैटरी से वायर कनेक्ट किया गया था, लेकिन गलती से इलेक्ट्रिशियन ने वायर को बैटरी के बजाए मेन लाइन से जोड़ दिया। सेट पर मौजूद लोगों ने समझा कि विलेन अच्छी एक्टिंग कर रहा है, लेकिन बाद में समझ आया कि वह एक्टिंग नहीं, करेंट से झटके खा रहा है।
 

बनारस के रहने वाले सत्येंद्र सिंह हरिश्चंद्र महाविद्यालय से ग्रेजुएशन और लॉ करने के बाद पार्षद का चुनाव भी लड़ चुके है। हालाकिं इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राजनीति में अपना हाथ आजमाने के बाद भोजपुरी फिल्मों की दुनिया की तरफ रुख करने के सवाल पर वह कहते है कि छोटा भाई प्रेम हीरो बनना चाहता था, लेकिन एक एक्सीडेंट में उसकी मौत हो गई। उसके सपने को पूरा करने के लिए मैं एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। सत्येंद्र के पिता पुलिस डि‍पार्टमेंट से रिटायर है। जब उन्होंने फिल्म का प्रोमो देखा तो कहा मेरा बेटा रीयल लाइफ में तो एसएसपी नहीं बन पाया, लेकिन रील लाइफ में एसएसपी बनकर मेरी इच्छा पूरी कर दी, यही मेरे लिए काफी है। उनकी पहली भोजपुरी फिल्म ‘तेरी मेरी आशकी’ थी जिसमें इंसपेक्टर के किरदार में नजर आए थे। उन्होंने बताया कि इस फि‍ल्म के लिए मुझे 50 हजार रुपए मिले थे।

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