उक्त गांव निवासी मीना पत्नी विनोद का आरोप है कि 16 मई 2019 को उसके ससुर की मृत्यु हो गयी। परिवार के अन्य सदस्य रोजी रोजगार के लिए बाहर रहते है। इसलिए उसने खुद क्षेत्रीय लेखपाल हीरालाल यादव से संपर्क किया। लेखपाल ने वरासत के नाम पर दो बार में पांच-पांच हजार रूपये यानि कुल दस हजार रूपये लिए लेकिन वरासत नहीं की। वह जब भी लेखपाल से मिली वे आजकल कहकर टालते रहे। पिछले कुछ समय ने उनका रवैया बदल गया और धमकी देना शुरू कर दिया। 24 नवंबर को तब हद हो गयी जब लेखपाल महिला की भूमि विरोधियों को कब्जा कराने पहुंच गया। विरोधियों ने जब खेत को जोतने का प्रयास किया तो महिला ट्रैक्टर के सामने खड़ी हो गयी।
इसके बाद वे कब्जा तो नहीं कर सके लेकिन उसे विरोधियों के साथ ही लेखपाल द्वारा भी धमकी दी गयी। मजबूर पीड़ित ने मंगलवार को एसडीएम सगड़ी से मिलकर न्याय की गुहार लगायी। एसडीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए फाइल को तलब किया। उन्होंने बताया कि फाइल देखने के बाद साफ है कि लेखपाल ने कानूनगो से वरासत का आदेश तो कराया था लेकिन उसे खतौनी में दर्ज करने के लिए नहीं दिया।
इससे लापरवाही की पुष्टी हो रही है। लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गयी है। साथ ही महिला द्वारा लगाए गाये आरोपों की जांच के लिए नायब तहसीलदार निजामाबाद को नामित किया गया है। बुधवार को वे मौके पर जाकर आरोपों की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद जो भी आरोप साबित होंगे उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।