बता दें कि वाराणसी पुलिस ने गत दिनों अफगानी नागरिक इबादतुल्लाह उर्फ आबिद (40 वर्ष) को फर्जी अभिलेख के जरिए पासपोर्ट बनवाते पकड़ा था। उक्त व्यक्ति ने आजमगढ़ जिले के फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के चमराडिह गांव के पते पर मोहम्मद जावेद के नाम से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। वह वेरिफिकेशन कराने के लिए वाराणसी पासपोट कार्यालय गया तो उसकी भाषा से उसे पकड़ लिया गया था। साथ ही पुलिस ने अफगानी की मदद करने वाले चमराडिह निवासी साहबे आलम पुत्र फैजान को भी पकड़ लिया था।
उससे पूछताछ के बाद एक और अफगानी नागरिक किरामत उल्ला अहमद जई पुत्र बाज मोहम्मद अहमद जई निवासी लोगर सेन्टर जिला कोलेआलम प्रोविन्स लोगर अफगानीस्तान को भी चमराडिह गांव से गिरफ्तार किय गया था। किरामत उल्ला अहमद ने तो चमराडिह गांव के पते पर मोहम्मद ताहिर आलम पुत्र मोबीनुद्दीन के नाम से फर्जी वोटर कार्ड, निर्वाचन कार्ड आदि बनवा कर पासपोर्ट भी बनवा लिया था और बीजा हासिल कर विदेश भागने की फिराक में था।
यह मामला खुलने के बाद पुलिस, एलआईयू और तहसील प्रशासन की काफी किरकिरी हुई थी। इस मामले की जांच सीओ सिटी को सौंपी गयी थी। जांच अभी जारी है। अब तक की जांच में एलआईयू इंस्पेक्टर को कर्तव्य का सही ढंग से निर्वहन न करने का दोषी पाया गया है। सीओ की रिपोर्ट पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक प्रो. त्रिवेणी सिंह ने बताया कि जांच अभी जारी है आगे जो भी दोषी पाए जाते हैं अथवा किसी तरह के भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वैसे एलआईयू इंस्पेक्टर के निलंबन के बाद उन पुलिसकर्मियों और प्रशानिक कर्मचारियों में हड़कंम मचा है जिनके जरिये फर्जी अभिलेख तैयार हुए थे और पासपोर्ट पर रिपोर्ट लगी थी।