एक मतगणना टीम में एक मतगणना सुपरवाइजर, एक सहायक, एक माइक्रो आब्जर्वर एवं एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की ड्युटी लगाई गई है। मतगणना स्थल पर किसी भी व्यक्ति को मोबाइल के साथ प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। प्रथम दौर में 14 टेबलों पर एक साथ मतगणना शुरू की जाएगी। अगले दौर के लिए कन्ट्रोल यूनिट को तब तक नहीं लाया जाएगा जब तक कि पिछले दौर की मतगणना पूरी न हो जाए।
जिला निर्वाचन अधिकारी विशाल भारद्वाज ने बताया कि मतों की गिनती से पूर्व कंट्रोल यूनिट के सभी सीलों की जांच की जाएगी। मतगणना मेज पर उपस्थित गणना अभिकर्ताओं को भी सील को जांचने का अवसर प्रदान किया जाएगा। कंटोल यूनिट के केरिंग बाक्स के हैंडिल पर लगे मतपत्र लेखा 17-ग और एड्रेस टैग की सहायता से कंट्रोल यूनिट का सीरियल नम्बर, मतदान बूथ की संख्या की जांच होगी। साथ ही कंट्रोल यूनिट की पिंक पेपर सील एवं रिजल्ट सेक्शन पर पीठासीन अधिकारी द्वारा लगाए गए ग्रीन पेपर सील की भी जांच होगी। उसके बाद कंटोल यूनिट को आन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रिजल्ट बटन दबाने के बाद डिस्प्ले पर कम्प्युटिंग रिजल्ट प्रदर्शित होगा। उसके बाद प्रत्येक प्रत्याशी के लिए वोट क्रमशः प्रदर्शित होंगे। प्रदर्शित वोटों को 17-ग भाग-2 पर प्रत्याशीवार लिखा जाएगा। कंट्रोल यूनिट के डिस्प्ले को इस प्रकार रखना होगा कि मतगणना एजेंट आसानी से प्रदर्शित मतों की संख्या देख पाएं। आवश्यकता पड़ने पर परिणाम दोबारा दिखाया जा सकता है। आरओ सभी 14 टेबलों से प्रतिचक्र प्रारूप-17-ग के भाग-2 को प्राप्त करके चेक करेंगे और प्रारूप-20 को तैयार कराएंगे। मतगणना के कार्य में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।